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पत्नी की जगह पति का बना मृत्यु प्रमाण पत्र, अब कहते घूम रहे जिंदा हूं मैं

कैथल के जगदीश कुमार नगर परिषद के डाटा के अनुसार मृत हैं, लेकिन सच तो ये है कि वो जीवित हैं. जगदीश कुमार अब परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए भटक रहे हैं, लेकिन सरकारी डाटा में उनकी मृत्यु हो चुकी है. पूरी खबर पढ़ें और जानें कि आखिर सरकारी कागजों में उनकी मौत कैसे हो गई?

राजस्थान
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Published : Feb 20, 2021, 4:55 PM IST

कैथल :हरियाणा के जगदीश कुमार अपना परिवार पहचान पत्र नहीं बनवा पा रहे हैं, क्योंकि पोर्टल पर जो डाटा दर्ज है, उसके अनुसार उनकी मृत्यु हो चुकी है. वे जब भी अपना पहचान पत्र बनवाने के लिए सीएससी या नगर परिषद में जाते हैं, तो पोर्टल पर उनका आधार कार्ड नंबर डालते ही मैसेज आता है कि सदस्य की मृत्यु हो चुकी है.

अब जगदीश कुमार पोर्टल पर अपने आप को जीवित दिखाने के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. जगदीश ने बताया कि उन्होंने नगर परिषद की डेथ-बर्थ शाखा में डाटा भी ठीक करवा लिया है. उसके बाद भी उनका परिवार पहचान पत्र नहीं बन पा रहा है, जिससे वो परेशान हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में सरकार ने परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य कर दिया है. अगर उनका परिवार पहचान पत्र नहीं बना, तो आगे भी परेशानी झेलनी पड़ेगी. उधर नगर परिषद की डेथ-बर्थ शाखा ने इस गलती को वर्ष 2020 में ही सुधार दिया था, लेकिन परिवार पहचान पत्र पोर्टल अपडेट डाटा को नहीं दिखा रहा है.

कागजों पर पति की ही हो गई मौत

क्यों पोर्टल दिखा रहा है मृत

वार्ड-27 के डोगरा गेट निवासी जगदीश कुमार (62) ने बताया कि वर्ष 2018 में उनकी पत्नी सुनीता की मृत्यु हो गई थी. उस समय डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए उन्होंने अपना और पत्नी का आधार कार्ड आवेदन के साथ लगाया था. उस समय पत्नी के आधार कार्ड की जगह उनका आधार कार्ड नंबर दर्ज कर दिया गया. जबकि सर्टिफिकेट में पत्नी का आधार कार्ड नंबर डालना था. जब जगदीश को इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने वर्ष 2020 में इस गलती को नगर परिषद की डेथ-बर्थ शाखा में जाकर ठीक करवा दिया.

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उसके बाद भी परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर उसे मृत ही दिखाया जा रहा है, जिससे वो परेशान हैं. साल 2020 में शिकायत मिलने पर रिकॉर्ड दुरुस्त कर दिया गया था, जिसका डाटा भी ऑनलाइन कर दिया गया था.

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