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अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू, कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोप - Alapan Bandyopadhyay

अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है. केंद्र की ओर से शुरू की गई इस कार्यवाही में अलपन पर कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं. उनसे एक महीने के भीतर (30 दिन) जवाब मांगा गया है.

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Published : Jun 21, 2021, 6:46 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 7:36 PM IST

नई दिल्ली :पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव (Former Chief Secretary of West Bengal) और वर्तमान में सीएम ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार (Chief Advisor to CM Mamata Banerjee) अलपन बंद्योपाध्याय (Alapan Bandyopadhyay) के खिलाफ केंद्र सरकार ने विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है. बंद्योपाध्याय पर कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए हैं.

इस संबंध में सरकार ने अलपन बंद्योपाध्याय को अपने बचाव में जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे के वक्त अलपन के पेशेवर आचरण को लेकर सवाल खड़े हुए थे और अब केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने उनके खिलाफ एक बड़ा जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया है.

केंद्र सरकार द्वारा अलपन को भेजा गया मेमो

इससे पहले गत मई माह में सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई थी कि केंद्र सरकार का कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (DOPT) नई दिल्ली को रिपोर्ट करने में विफल रहने के बाद केंद्र पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेगा. इस पर सरकारी सूत्रों ने कहा था कि अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ चार्जशीट जारी की जाएगी, भले ही वह सेवानिवृत्त हो गए हों.

पढ़ें-अलपन बनर्जी को दिल्ली नहीं भेज सकती, ममता ने मोदी को लिखा पत्र

बता दें कि केंद्र सरकार ने बंदोपाध्याय को 31 मई की सुबह 10 बजे तक रिपोर्ट करने का आदेश दिया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चक्रवात यास के प्रभाव को लेकर समीक्षा के लिए राज्य की यात्रा के दौरान पीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने पर विवाद के बाद यह कार्रवाई हुई थी.

इससे पहले इस बहुचर्चित प्रकरण में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि हमारे मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय आज सेवानिवृत्त हुए, वह अगले तीन साल तक मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना इसमें जॉइन करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों, विपक्षी नेताओं, आईएएस-आईपीएस, एनजीओ से एक साथ मिलकर संघर्ष करने की अपील की थी.

वहीं सीएम ममता ने कहा था कि प्रदेश के मुख्य सचिव को केंद्र में बुलाए जाने की वजह का जिक्र मुझे भेजे गए पत्र में नहीं है.

पढ़ें-केंद्र ने प.बंगाल के मुख्य सचिव को वापस दिल्ली बुलाया

ममता बनर्जी ने इससे पहले पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है. ममता ने पीएम मोदी से फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने मेरे पत्र का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव से कल 'नॉर्थ ब्लॉक' में कार्यभार संभालने को कहा गया है.

बता दें कि ममता के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग (डीओपीटी) द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू किए जाने की खबरें सामने आई थीं. वहीं केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को विगत 28 मई को नई दिल्ली आने का निर्देश जारी किया गया था.

Last Updated : Jun 21, 2021, 7:36 PM IST

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