मुजफ्फरनगर :सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आज मुजफ्फरनगर दौरे पर हैं. यहां कश्यप महासम्मेलन में शामिल हुए. जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने बीजेपी और योगी सरकार पर खूब तंज कसे.
अखिलेश यादव ने कहा कि यही वह सरकार है जिसने नौकरी देने का भरोसा दिया था. किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन क्या हुआ. जब से बीजेपी की सरकार बनी है तब से आय बढ़ी है या घटी है. किसानों से पूछा कि आप बताओ आय बढ़ी?
उन्होंने कहा कि 2017 और 2014 में पेट्रोल डीजल की कीमत क्या थी और आज क्या है. यह वही समय है जब किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था. वादा था कि चप्पल पहनने वाले भी हवाई जहाज में सफर करेंगे, लेकिन आज मोटरसाइकिल भी चलाना भी मुश्किल हो गया है.
अखिलेश ने कहा कि तीनों कृषि कानून जब लागू हो जाएंगे तो आपके खेत नहीं बचेंगे. ये काले कानून से आप अपने की खेत में मजदूर हो जाएंगे. इनके लागू होने के किसानों का कोई भला नहीं होगा. किसानों को बाजार पर छोड़ दिया जाएगा तो उनका कोई भला नहीं होगा. किसानों का भला सिर्फ सपा ही कर सकती है.
आज नौजवानों के हाथ में न रोजगार है न काम. सरकार ने ऐसी स्थिति बना दी है कि युवा अपना काम भी नहीं कर सकते. योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि बाबा मुख्यमंत्री लैपटॉप चालाना नहीं जानते इसलिए वो अपना घोषणा पत्र भी नहीं पढ़ सकते. बाबा ने कहा कि हमारे पास नौकरी बहुत है, लेकिन युवाओं में टैलेंट नहीं है. अखिलेश ने कहा कि आपको तय करना होगा कि आपको कैसी सरकार चाहिए.
अखिलेश ने कहा कि सीएम उत्तराखंड से पलायन करके न आते तो यूपी के पांच साल बर्बाद न होते. वे भी यहां पलायन करके आए हैं. कोरोना काल में लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया. किसी को सही इलाज नहीं मिला. कोरोना में बनी किसी इंतजाम को जनता को अनाथ छोड़ दिया. मजदूरों को सैकड़ों किमी. पैदल चलने के लिए छोड़ दिया. अगर कोई काम आया था तो सपा के सरकार के समय आई एंबुलेंस और स्वास्थ्य सुविधाएं.
बता दें कि विजय रथ लेकर बुंदेलखंड, मऊ, आजमगढ़, हरदोई, अंबेडकर नगर का दौरा कर चुके SP मुखिया अखिलेश यादव आज पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर के दौरे पर है. अखिलेश ने मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में कश्यप महासम्मेलन को संबोधित किया. समाजवादी पार्टी की नजर अपने परंपरागत वोटर्स के अलावा पिछड़े तबके में शामिल बाकी जातियों पर भी है और पूर्वाचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक कश्यप और निषाद वोटों की हिस्सेदारी लगभग 5 फ़ीसदी है. यूपी की कई सीट पर निषाद, केवट, मल्लाह, कश्यप जैसी जातियां बनाने और बिगाड़ने की हैसियत रखती हैं. खास बात ये है कि तकरीबन यूपी के हर हिस्से में इनकी आबादी है.
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