हैदराबाद : यूपी विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन के समीकरण साधे जा रहे हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर गठबंधन के सियासी खेल में ऐसी खिचड़ी पका रहे हैं, जिसकी रेसिपी रोज बदल जाती है. बीजेपी को घनघोर दुश्मन बताने वाले राजभर के सुर भी अचानक बदल जाते हैं.
बुधवार को ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव से मुलाकात की और गठबंधन का एकतरफा ऐलान कर दिया. साथ ही, यह भी स्पष्ट कर दिया कि समाजवादी पार्टी भले ही उन्हें एक भी सीट न दे, फिर भी वह अखिलेश के साथ ही चुनाव लड़ेंगे. पांच दिन पहले उन्होंने बीजेपी से गठबंधन की संभावनाओं पर हामी भर दी थी. साथ ही, यह बयान दे डाला था कि एआईएआईएम को छोड़कर भागीदारी संकल्प मोर्चा के सभी दल बीजेपी के साथ जाने को तैयार हैं.
इससे पहले अगस्त में राजभर ने ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई नेताओं के साथ मुलाकात की थी. वह कई बार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात कर चुके हैं. चर्चा यह थी कि शिवपाल भी उनके मोर्चे का हिस्सा बन सकते हैं. मगर फिलहाल अखिलेश यादव से गठबंधन की घोषणा कर मोर्च में शिवपाल की एंट्री बंद कर दी है.
5 सीएम और 20 डिप्टी सीएम के फार्मूले का क्या होगा
2020 में ओमप्रकाश राजभर ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( एआईएआईएम) से गठबंधन का ऐलान किया था. राजभर और असदुद्दीन ओवैसी ने भागीदारी संकल्प मोर्च का ऐलान कर दिया. राजभर ने ताबड़तोड़ अन्य छोटे दलों के साथ बैठक की और मोर्च में 20 छोटे दलों को शामिल करने का दावा किया. साथ ही उन्होंने पांच साल में पांच मुख्यमंत्री और 20 उपमुख्यमंत्रियों का फॉर्मूले का भी ऐलान कर दिया.
एक महीने पहले उन्होंने बिहार में NDA की सहयोगी वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) को भागीदारी मोर्चे में शामिल होने का न्योता दे दिया. फिलहाल घोषणाओं के हिसाब से इस मोर्चे में दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जन अधिकार पार्टी, अपना दल (कमेरावादी), राष्ट्र उदय पार्टी, जनता क्रांति पार्टी, भारत माता पार्टी और भारतीय वंचित समाज पार्टी शामिल हैं.
3 फीसदी वोटों का मोलभाव कर रहे हैं राजभर