दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

प्रियंका ने लखीमपुर खीरी में जो सियासी पिच सजाई, उस पर बैंटिग कर रहे हैं अखिलेश ?

अखिलेश यादव ने समाजवादी विजय यात्रा से 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए हुंकार भर दी है. सवाल यह है कि इस यात्रा के जरिये सपा प्रमुख उस स्पेस पर कब्जा करेंगे, जो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी में लड़ाई लड़कर बनाई है.

By

Published : Oct 12, 2021, 8:04 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 8:21 PM IST

samajwadi vijay yatra
samajwadi vijay yatra

हैदराबाद :अखिलेश यादव ने मंगलवार को कानपुर से ‘समाजवादी विजय यात्रा' की शुरुआत की है. इस यात्रा से समाजवादी पार्टी के मुखिया ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. गौरतलब है कि जिस दिन उन्होंने रथयात्रा की शुरुआत की, जिस दिन लखीमपुर खीरी में प्रियंका लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों में अरदास में शामिल हो रही थीं. इसके बाद से प्रियंका का लखीमपुर अभियान ठंडा पड़ सकता है.

अखिलेश यादव की विजय यात्रा

लखीमपुर खीरी की घटना के बाद यह चर्चा हो रही थी कि विपक्ष की भूमिका सिर्फ प्रियंका ने निभाई. अखिलेश ने इसमें खानापूर्ति की. रथयात्रा के जरिये उन्होंने तात्कालिक कमी की भरपाई भी कर दी. सियासी हल्कों में यह माना जा रहा है कि जो चुनावी पिच प्रियंका ने लखीमपुर में सजाई, उस पर बैटिंग करने अखिलेश यादव निकल पड़े हैं. अगर प्रियंका के संघर्ष वाली राजनीति से जनता में बीजेपी के खिलाफ जो माहौल गरम हुआ है, उसमें अखिलेश आसानी से अपनी सियासी रोटी सेंक सकते हैं.

सपा का मजबूत संगठन कांग्रेस पर पड़ेगी भारी !

इसका सबसं बड़ा कारण कांग्रेस के पास संगठन की कमी है. प्रियंका का विरोध कांग्रेस के लिए वन मैन शो है, जिसमें वह नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता की भूमिका में दिख रही हैं. इसके उलट समाजवादी पार्टी के तहसील के स्तर पर कार्यकर्ता मौजूद हैं. 5 अगस्त 2021 को समाजवादी पार्टी ने हर तहसील में साइकल यात्रा निकाली थी. उस समय सपा के कार्यकर्ता एकजुट दिखे थे.

जब अखिलेश विजय यात्रा में शामिल थे, प्रियंका लखीमपुर खीरी में किसानों से मिल रही थीं.

प्रियंका की राजनीति पर अखिलेश ने दिया सटीक जवाब

यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने उस सवाल का जवाब भी दे दिया कि प्रियंका के तेवर के कारण सपा को अगले विधानसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है. प्रियंका गांधी ने कहा था कि अखिलेश यूपी की आवाज उठाने में फेल हो गए हैं. इस पर अखिलेश ने कहा कि किसी के भी सक्रिय होने से हमें कोई नुकसान नहीं होगा. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की नीतियों में कोई ज्यादा फर्क नहीं है. कई राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे थे कि बीजेपी रणनीतिक तौर प्रियंका को पॉलिटिकल स्पेस दे रही है ताकि विपक्ष के वोटों का बंटवारा आसानी से हो जाए. अगर अखिलेश अपनी स्थिति मजबूत करते हैं तो इस चतुराई की हवा आसानी से निकल सकती है.

विजय रथ के सामने शिवपाल यादव की परिवर्तन यात्रा

जब अखिलेश कानपुर से विजय यात्रा का आगाज कर रहे थे, तभी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव मथुरा में सामाजिक परिवर्तन यात्रा के साथ चुनावी शंखनाद कर रहे थे. शिवपाल यादव सपा सुप्रीमो के चाचा हैं. शिवपाल सिंह यादव ने सपा के सामने गठबंधन के लिए सोमवार तक के लिए समय दिया था. वक्त बीत गया मगर अखिलेश की ओर से जवाब नहीं आया. इससे यह स्पष्ट हो गया कि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन की संभावना करीब-करीब खत्म हो गई है. अब चाचा और भतीजे दोनों मैदान में आमने-सामने होंगे.

शिवपाल यादव की परिवर्तन यात्रा में साथ दिखे कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम.

रथयात्रा के बाद कांग्रेस से गठबंधन के उम्मीद भी खत्म

अभी तक समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं. मगर विजय यात्रा के शुरूआती रुझान को देखकर कांग्रेस से गठबंधन के आसार भी कम हो गए हैं. अब समाजवादी पार्टी का कद अन्य विपक्षी दलों के बीच बड़ा दिख सकता है. जब कार्यकर्ता सड़क पर होंगे तो अखिलेश के लिए जनाधार का अंदाजा लगाना भी आसान होगा. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव 2017 में दोनों के बीच गठबंधन हुआ था मगर इससे दोनों दलों को बड़ा फायदा नहीं हुआ. अखिलेश पहले भी साफ कर चुके हैं कि वे इस बार गठबंधन नहीं करेंगे.

Last Updated : Oct 12, 2021, 8:21 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details