लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को इलेक्शन कमीशन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि इलेक्शन कमीशन की बेईमानी के कारण यूपी में चुनाव हारे हैं. उनके इस बयान पर विधानसभा 2022 में साथ मिल कर चुनाव लड़ने वाले सुभासपा चीफ ओम प्रकाश राजभर ने पलटवार किया है. राजभर ने कहा है कि अपनी नाकामी चुनाव आयोग पर अखिलेश यादव फोड़ रहे है. उन्होंने कहा है कि अखिलेश जानबूझकर चुनाव आयोग पर हार का ठीकरा फोड़ रहे है ताकि जब 2024 के लोकसभा चुनाव वह हार जाएं तो उनके कार्यकर्ता उनसे न पूछे कि क्यों हार गए.
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव का यह कहना कि चुनाव आयोग की बेईमानी के चलते विधानसभा चुनाव हार गए. यह उनकी हताशा और निराशा है. अखिलेश अपनी कमजोरी नहीं बता रहे हैं कि एक-एक सीट पर चार-चार जातियों को टिकट देते थे. सुबह 10 बजे राजभर को टिकट दे दिया, 12 बजे पाल को 4 बजे पंडित को और रात 21 बजे ठाकुर को प्रत्याशी बना दिया.
ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश पर किया पलटवार. राजभर ने कहा कि 4.5 साल एसी कमरे में बैठकर लूडो खेलें और 6 महीने चुनाव के बचे तो मेरिट की इच्छा करने लगे थे. उन्होंने कहा कि जो 5 साल मेहनत कर रहा था वो पास होगा या एसी रूम में बैठने वाले होंगे. इसी वजह से एसी रूम से निकलकर हम नॉन एसी में काम करने के लिए सपा से अलग हो गए.
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राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव चुनाव आयोग को बेईमान कह कर कार्यकर्ताओं को ये बता रहे है कि अगर 2024 का लोकसभा चुनाव हार जाएं तो उनसे मत पूछना कि क्यों हार गए. पहले ही जान लो कि लोकसभा का चुनाव भी विधानसभा की तरह चुनाव आयोग ने जीतने नहीं दिया.
20 अगस्त को पूर्व सांसद व सपा विधायक रमाकांत यादव से मिलने आजमगढ़ जा रहे अखिलेश यादव पर राजभर ने कहा कि रमाकांत उनकी बिरादरी के हैं इसलिए उनसे मिलने जा रहे है. आजम खान से जेल में मिलने नहीं गए, यहां तक कि कई मुसलमान विधायक जेल में बंद रहे हैं उनसे भी अखिलेश यादव मिलने नहीं गए. उन्होंने कहा कि किसी और जाति का नेता मरें तो उन्हें नही दिखता लेकिन यादव की मृत्यु पर अखिलेश तेरहवीं खाने चले जाते है.
जेल में बंद मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों के ठिकानों और ईडी की छापेमारी पर राजभर ने कहा है कि छापेमारी राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि हमने कभी नही देखा कि सत्ता पक्ष के नेताओं के यहां ईडी छापेमारी करती है. क्या सिर्फ विपक्ष के नेताओं के यहां पैसा होता है सत्ता पक्ष के नेताओं के यहां पैसा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार सीबीआई को तोता बताया था, क्योंकि विपक्ष के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई हो रही थी.उन्होने कहा कि उनके विधायक अब्बास अंसारी के बारे में यूपी पुलिस सीएम योगी को गलत इनपुट दे रही है. उनका विधायक भगोड़ा नही है. उसे जमानत नही मिल रही है इसलिए कानूनी सलाह ले रहे हैं.
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