दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

अखिल गोगोई को एक मामले में एनआईए कोर्ट ने किया बरी - अखिल गोगोई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन मामले में सिवसागर के विधायक अखिल गोगोई (Akhil Gogoi ) के खिलाफ दर्ज दो मामलों में से एक में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया है .

अखिल गोगोई
अखिल गोगोई

By

Published : Jun 22, 2021, 5:32 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 6:14 PM IST

गुवाहाटी : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने असम में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन मामले में सिवसागर के विधायक अखिल गोगोई (Akhil Gogoi ) के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम)अधिनियम 1967 के तहत दर्ज दो मामलों में से एक में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया है .

विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रांजल दास ने गोगोई के खिलाफ आरोप तय नहीं किए. गोगोई को दिसंबर 2019 में चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने गोगोई के दो सहयोगियों जगजीत गोहेन एवं भूपेन गोगोई को भी मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के सभी आरोपों से बरी कर दिया.

रायजोर दल के अध्यक्ष गोगोई को चाबुआ पुलिस थाने में दर्ज मूल मामले में इससे पहले जमानत मिल गयी थी. यह मामला बाद में एनआईए को सौंप दिया गया था.

गोगोई के खिलाफ एनआईए दो मामलों की जांच कर रहा है, जो शुरूआत में चांदमारी एवं चाबुआ पुलिस थानों में दर्ज कराए गए थे. यह मामला हिंसक प्रदर्शन में गोगोई एवं उसके तीन अन्य साथियों की कथित भूमिका के लिये दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें -सांसद नवनीत कौर को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

गोगोई के तीसरे सहयोगी भास्करज्योति फुकन के खिलाफ आरोप तय किए गए, लेकिन ये आरोप यूएपीए के तहत नहीं बल्कि भारतीय दंड संहिता की धारा 144 (घातक हथियारों से लैस होकर गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होना) के तहत तय किए गए हैं. इस मामले को डिब्रूगढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है.

एनआईए अदालत ने मंगलवार को चांदमारी थाने के उस मामले में भी सुनवाई की जो जांच एजेंसी को स्थानांतरित किया गया था. चांदमारी पुलिस थाने में दर्ज मामले में अदालत ने पिछले साल अगस्त में उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, इसके बाद उसने इस फैसले को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.

उच्च न्यायालय में जमानत की अर्जी खारिज हो जाने के बाद गोगोई ने उच्चतम न्यायालय का रूख किया. उच्चतम न्यायालय ने इस स्तर पर इस अर्जी पर विचार करने से इंकार कर दिया. गोगोई को 12 दिसंबर 2019 को जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था. उस दौरान प्रदेश में संशोधित नागरिकता अधिनियम का विरोध पूरे जोरों पर था. गोगोई की गिरफ्तारी कानून व्यवस्था के मद्देनजर एहतियात के तौर पर हुयी थी और इसके अगले दिन उसके तीन सहयोगियों को हिरासत में लिया गया था.

Last Updated : Jun 22, 2021, 6:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details