पिता की सलामती लेने पहुंचा बेटा आकाश नेगी उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी के यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल हादसे में पौड़ी के गब्बर सिंह नेगी भी फंसे हुए हैं. अब अपने पिता की खोज में उनका बेटा आकाश नेगी सिलक्यारा पहुंचा. इस दौरान आकाश की बात उसके पिता गब्बर सिंह से करवाई गई. पिता से बातचीत करने के बाद आकाश ने बताया कि उनके पिता ने कहा कि वो ठीक हैं और चिंता करने की जरूरत नहीं है.
बता दें कि पौड़ी जिले के बिशनपुर कुंभीचौड़ गांव के गब्बर सिंह नेगी निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं. गब्बर सिंह नेगी उन 40 मजदूरों में शामिल हैं, जो बीती शनिवार को यानी 11 नवंबर को नाईट शिफ्ट में काम करने के लिए टनल के अंदर गए थे, लेकिन रविवार की सुबह 8 बजे वो बाहर आ पाते, उससे ढाई घंटे पहले टनल के अंदर भारी भूस्खलन हो गया. जिसके बाद से वे टनल के अंदर ही फंसे हुए हैं.
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वहीं, उत्तरकाशी में टनल हादसे से जुड़ी खबरें आने के बाद गब्बर सिंह नेगी के भाई प्रेम सिंह नेगी, तीरथ सिंह नेगी, मामा संजय और बेटा आकाश नेगी सोमवार को घटनास्थल सिलक्यारा पहुंचे. मंगलवार यानी आज सुबह साढ़े 8 बजे के आसपास राहत और बचाव कार्य में जुटी टीम ने आकाश की उसके पिता गब्बर से बात करवाई गई. आकाश नेगी ने बताया कि उनके पिता ने कहा कि 'चिंता करने की कोई बात नहीं है, जल्दी ही वो बाहर आ जा जाएंगे.'
उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे पौड़ी के गब्बर नेगी आकाश नेगी के मुताबिक, उनके पिता ने कहा कि 'चिंता मत करो बेटा, मैं ठीक हूं. घबराने की कोई बात नहीं है.' साथ ही कहा कि 'घर में भी मां को भी बता देने की ठीक हूं.' जिसके बाद आकाश और उनके भाइयों को कुछ हद तक राहत महसूस हुई, लेकिन अभी भी उनके सलामती की चिंता उन्हें लगातार सता रही है.
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भाई ने लगाया बचाव कार्य में ढिलाई बरतने का आरोप: गब्बर सिंह के भाई प्रेम सिंह नेगी ने कहा कि उनका भाई गब्बर सिंह नेगी बहुत साहसी हैं. वो टनल में फंसे बाकी मजदूरों का भी हौसला अफजाई कर रहे हैं, लेकिन यहां जो राहत और बचाव का काम चल रहा है, वो काफी धीमा है. उनका कहना है कि यहां अभी मशीन सेट ही हो रही है. एक घंटे में यह मशीन एक मीटर ही बोरिंग करेगी. ऐसे में 60 मीटर बोरिंग में तो काफी ज्यादा समय लगेगा.