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करतारपुर प्रबंधन : पाक के विरोध में अकाली दल, पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील

शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन को लेकर चिंता जाहिर की है. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के प्रमुख मनजिंदर सिरसा ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को ज्ञापन सौंपा है. इसके अलावा अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी इस मामले में पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है.

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Published : Nov 6, 2020, 11:28 AM IST

करतारपुर गुरुद्वारा प्रबंधन
करतारपुर गुरुद्वारा प्रबंधन

नई दिल्ली : शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन और रख-रखाव के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) के गठन का मुद्दा उठाया. इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे. अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'यह सिख गुरुद्वारों से संबंधित 'मर्यादा' के खिलाफ है.' उन्होंने कहा कि सिख समुदाय इस निर्णय को पंजाब में समुदाय के लोगों पर सीधे हमले के रूप में देख रहा है.

बैठक के बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के प्रमुख मनजिंदर सिरसा ने कहा कि हमने इस बात से मंत्रालय को अवगत कराया है कि कैसे पाकिस्तान सरकार ने ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन और रख-रखाव के लिए एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईईबीबी) के तहत एक पीएमयू का गठन किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने एक गैर सिख संस्था को नियंत्रण सौंप दिया है, जिसे सिख मर्यादा के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

सिरसा ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय के संयुक्त सचिव और पाकिस्तान डेस्क के प्रभारी जेपी सिंह से कहा है कि अल्पसंख्यकों में उत्पीड़न और दमन से डर की भावना पैदा हो रही है. उन्होंने कहा कि पहले चार सिख सदस्यों मोहिंदरपाल सिंह, गोपाल चावला और दो अन्य को ईटीपीबी से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद अब गैर सिख को पीएमयू में शामिल किया गया है. पाकिस्तान सरकार गुरुद्वारों को बिजनेस मॉडल के रूप में घोषित कर रही है, जो पूरी तरह से गलत है. गुरुद्वारे कभी भी बिजनेस मॉडल नहीं थें.

सिरसा ने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करते हैं. यह गुरुद्वारा मामलों में सीधा हस्तक्षेप है जो, हमारे लिए बेहद संवेदनशील मामला है. उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा है, जहां गुरु नानक देव जी ने अंतिम सांस ली थी.

पढ़ें-पाक ने पीएसजीपीसी से छीना करतारपुर साहिब का प्रबंधन, सिख समुदाय में रोष

सिरसा ने आगे कहा कि गुरुद्वारा मामले सिख मर्यादा के अनुसार चलाए जाते हैं. प्रस्तावित परियोजना प्रबंधन इकाई में कोई सिख प्रतिनिधि नहीं है. प्रबंधन इकाई में अतिरिक्त सचिव तारिक खान को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है और 8 अन्य सदस्यों को नामित किया गया है, उनमें से सभी गैर सिख हैं.

अधिकारियों को सौंपा पत्र.

उन्होंने विदेश मंत्रालय से आग्रह किया कि सिख समुदाय की भावनाओं को देखते हुए पाकिस्तान सरकार के साथ गुरुद्वारा मामलों में अवांछित हस्तक्षेप को रोकें और गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के प्रभार को पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को बहाल करने के बारे में चर्चा करें.

पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील

करतारपुर गुरुद्वारा का प्रबंधन सिख निकाय से लेकर एक अलग ट्रस्ट को हस्तांतरित करने के मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है. सुखबीर ने कहा है कि पीएम मोदी इस मुद्दे को पाकिस्तान के समक्ष उठाएं और पूर्व की स्थिति को बहाल कराने की दिशा में पहल करें.

सुखबीर ने कहा कि गैर सिखों वाले परियोजना प्रबंधन इकाई स्थापित करने के पाकिस्तान सरकार के निर्णय ने पूरी दुनिया के सिख समुदाय की भावनाओं को आहत किया है. उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि विदेश मंत्रालय को यह दायित्व दिया जाये कि करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब में जितनी जल्दी हो सके पूर्व की स्थिति बहाल करना सुनिश्चित कराएं.

सुखबीर ने कहा कि यह पहला मौका है जब सिख गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी से लेकर इवैक्वी ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड को दे दिया गया है. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी व्यक्तिगत अपील की है कि वह पंजाब के धार्मिक मामलों के मंत्रालय से नौ सदस्यीय परियोजना प्रबंधन इकाई को भंग करने का निर्देश दें और इसे पीएसजीपीसी के हाथों में पुन: सौंप दें.

पंजाब, हरियाणा हिमाचल प्रदेश एवं चंडीगढ़ में गुरुद्वारों का प्रबंधन करने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तथा भारतीय जनता पार्टी ने भी इस निर्णय के लिए पाकिस्तान पर हमला बोला है .

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कहा कि सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए.

पाक की मंशा पर सवाल

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि इस निर्णय से न केवल पंजाबियों की धार्मिक भावनायें आहत हुयी हैं बल्कि इससे पाकिस्तान की मंशा पर भी सवाल उठे हैं क्योंकि पाक सेना गुरुद्वारा प्रबंधन की हमेशा नजदीक से निगरानी करती है .

भाजपा नेता ने कहा, 'यह बेहद निंदनीय है कि गुरुद्वारे के संचालन के लिये नयी कमेटी का गठन किया गया है और उसमें सिख समुदाय का एक भी सदस्य नहीं है और इसमें केवल मुस्लिम समुदाय के लोग हैं.'

भारत का कड़ा ऐतराज

इस मामले पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया था. गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान के फैसले को 'बहुत ही निंदनीय' करार दिया था और कहा था कि यह सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के विरूद्ध है. भारत के ऐतराज के बाद एक शीर्ष पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा है कि सिख संगठन पीएमयू का हिस्सा होगा.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने नयी दिल्ली में कहा, 'इस तरह की कार्रवाइयां केवल पाकिस्तान सरकार और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण के संरक्षण के बड़े बड़े दावों की वास्तविकता को उजागर करती हैं.'

विदेश मंत्रालय ने कहा, 'पाकिस्तान से अल्पसंख्यक सिखों को पवित्र गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मामलों के प्रबंधन के अधिकार से वंचित करने के मनमाने फैसले को पलटने का आह्वान किया जाता है.'

बता दें कि ईटीपीबी एक सांविधिक निकाय है जो हिंदुओं एवं सिखों की धार्मिक संपत्तियों तथा एवं धर्मस्थलों का प्रबंधन करता है, क्योंकि वे विभाजन के बाद भारत चले गये थे.

क्या है पूरा मामला

इससे पहले पाक ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का प्रबंधन पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (पीएसजीपीसी) के हाथ से लेकर स्ववित्तपोषण निकाय 'प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) करतारपुर कॉरीडोर' को सौंप दिया. पीएमयू पाक के संघीय मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति ने इवैक्यू ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करती है.

ईटीपीबी के प्रवक्ता आमिर हाशिमी ने कहा कि पीएसजीपीसी उसका हिस्सा होगा. उन्होंने कहा, 'संघीय सरकार ने इस सप्ताह के प्रारंभ में करतारपुर कॉरीडोर का प्रशासनिक नियंत्रण ईटीपीबी को सौंपा था. उससे पहले बस बोर्ड गुरुद्वारा दरबार साहिब के विषयों को देख रहा था.'

शामिल है सिख निकाय

हाशमी ने कहा कि पहले कई अन्य एजेंसियां और विभाग कॉरीडोर से जुड़े विषयों में शामिल थे और अब यह एक विभाग के अंतर्गत हो गया है. जब उनसे पूछा गया कि क्या पीएसजीपीसी को कोई प्रशासनिक या अन्य भूमिका नहीं दी गयी है, तो उन्होंने कहा कि सिख निकाय पूरी तरह शामिल है क्योंकि यह ईटीपीबी का हिस्सा है.

बता दें कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है. यह पंजाब के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

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