श्री चमकौर साहिब :अकाली दल द्वारा 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की भारी घोषणा के साथ ही हलका चमकौर साहिब से पिछली तीन पीढ़ियों से पार्टी से जुड़े परिवार के मौजूदा सक्रिय नेता हरमोहन सिंह संधू ने इस्तीफा दे दिया है. बसपा से गठबंधन के बाद अकाली दल ने कई सीटों का आदान-प्रदान किया था और शायद संधू भी एक और बदलाव की उम्मीद कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ और संधू ने इस्तीफा दे दिया. दूसरी ओर, बसपा के पास पहले कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं था और यह देखना बाकी है कि पार्टी पुराने चेहरे राजा नरिंदर सिंह नन्हेरी पर जुआ खेलेगी या दूसरा चेहरा लाएगी. बसपा अकाली दल से मदद की उम्मीद कर रही है.
कई सीटों पर अकाली दल के कार्यकर्ताओं में है नाराजगी
गौरतलब है कि जिन सीटों पर अकाली दल मजबूत स्थिति में रहा है, उन पर बसपा ने कब्जा कर लिया है. हालांकि अकाली दल पिछले डेढ़ दशक से मोहाली सीट नहीं जीत पाया है. लेकिन अकाली दल ने बसपा को सीट देकर सभी अकाली नेताओं को चौंका दिया है. इस सीट से अकाली दल का कोई उम्मीदवार नहीं होने से कार्यकर्ताओं में निराशा है. वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ नेता मलूका को मनाने के लिए पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को खुद उनके घर जाना पड़ा और मलूका अपने बेटे को पार्टी में वरिष्ठ पद देने के बाद ही चुनाव लड़ने को तैयार हुए. इससे पहले उन्होंने घोषित टिकट लौटा दिया था. अकाली दल को पहले अपने परिवार के सदस्य आदेश प्रताप सिंह कैरों से नाराजगी का सामना करना पड़ा था, जो विरसा सिंह वल्टोहा के साथ खेमकरण सीट के लिए मैदान में हैं
विरोध के बावजूद बसपा दोआबा में मजबूत
दोआबा में बहुजन समाज पार्टी मजबूत स्थिति में है. गठबंधन में सीटों के बंटवारे के दौरान पार्टी नेताओं ने फिल्लौर, बंगा और आदमपुर सीटों की मांग की और पार्टी के भीतर अभी भी इसका विरोध हो रहा है. दूसरी ओर, अकाली दल अपने मौजूदा विधायक खैरा, डॉ सुखी और पवन टीनू के कारण इन सीटों को खोना नहीं चाहता है. सूत्रों ने बताया कि आदमपुर और बंगा में बसपा कार्यकर्ताओं और नेताओं का विरोध भारी विरोध के बाद कुछ हद तक शांत हुआ है. लेकिन फिल्लौर सीट के लिए अभी भी बसपा प्रचार कर रही है. हालांकि, अनिल जोशी, जो भाजपा छोड़कर अकाली दल में शामिल हो गए, के लिए अकाली दल ने अमृतसर उत्तर और सुजानपुर सीटों के लिए बसपा के साथ सीटों का आदान-प्रदान किया है. माझा में इन सीटों के बदले बसपा को दोआबा में 84 और कपूरथला में 8 सीटें दी गई हैं. इसके साथ ही बसपा दोआबा में मजबूत महसूस कर रही है.
क्लासिक परिवार ने अकाली दल से नाता तोड़ा
ज्ञात हो कि सतवंत कौर संधू को एक उत्कृष्ट नेता माना जाता था और उनके पूरे परिवार को अकाली दल ने क्षेत्र की सेवा के लिए लामबंद किया था, लेकिन उनके बीच संबंध पहली बार 2017 के चुनावों में सामने आए जहां उनके परिवार को टिकट दिया गया था. टिकट दिया गया था. श्री चमकौर साहिब विधानसभा सीट क्लासिक परिवार सतवंत कौर संधू पांच बार विधायक और दो बार मंत्री रह चुकी हैं. 2017 के चुनावों में शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपना उम्मीदवार बदलने के बाद न्यायमूर्ति निर्मल सिंह ने यह सीट खाली कर दी थी.