अमृतसर : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Akal Takht Jathedar Giani Harpreet Singh) ने बृहस्पतिवार को सिख समुदाय से पंजाब में धर्मांतरण रोधी कानून (anti-conversion law in Punjab) की जरूरत पर विचार करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि जबरन धर्म परिवर्तन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जत्थेदार ने कहा, 'समय आ गया है कि सिख समुदाय पंजाब में धर्मांतरण रोधी कानून की मांग करने के बारे में विचार करे. पंजाब में जिस तरह की स्थिति पैदा हो रही है, उसे देखते हुए सिख समुदाय को इसके बारे में सोचने की जरूरत है.'
अमृतसर के ददुआना गांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को कथित रूप से बाधित करने के लिए कुछ निहंग सिखों के खिलाफ मामला दर्ज होने के कुछ दिन बाद जत्थेदार का यह बयान आया है. मंगलवार रात चार नकाबपोश व्यक्तियों ने पंजाब के तरनतारन जिले में एक गिरजाघर पर धावा बोलकर उसमें तोड़फोड़ की थी और पादरी की कार को आग लगा दी थी.
एक बयान के अनुसार, जत्थेदार ने पंजाब में धर्म परिवर्तन के लिए किए किए जा रहे कुछ तथाकथित ईसाई मिशनरियों के 'शरारतपूर्ण' प्रयासों की निंदा की और इसे समुदायों को विभाजित करने का प्रयास करार दिया. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ 'तथाकथित ईसाई मिशनरी' पाखंडी, अंधविश्वासी व कपटपूर्ण तरीकों को अपनाकर सिखों का जबरन धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. जत्थेदार ने कहा, 'ऐसे तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनकी ईसाई धर्म भी अनुमति नहीं देता.'