नई दिल्ली : पूर्व रक्षा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. उनके फैसले से एके एंटनी आहत हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अनिल से ऐसी उम्मीद नहीं थी. लेकिन लोग उन्हें उनका इतिहास याद दिला रहे हैं. दरअसल, एके एंटनी ने भी एक बार कांग्रेस छोड़ दी थी.
एके एंटनी तीन बार केरल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. लेकिन आपातकाल के समय में वह कांग्रेस से नाराज हो गए थे. जैसे ही आपातकाल खत्म हुआ, उन्होंने कांग्रेस से त्याग पत्र दे दिया था. उसके बाद एंटनी ईके नयनार के नेतृत्व वाली केरल सरकार में शामिल हो गए थे. ईके नयनार सीपीएम के नेता थे. उनके साथ ओमन चांडी भी थे. 1982 में नयनार सरकार गिर गई. सरकार गिरने के बाद एके एंटनी फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए. ओमन चांडी भी उनके साथ ही कांग्रेस लौट गए.
पार्टी में लौटने के बाद भी पार्टी ने शुरुआत में उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी. वह एक तरीके से अलग-थलग थे. लेकिन जब इंदिरा गांधी नहीं रहीं, तो उसके बाद एंटनी का राजनीतिक ग्राफ आगे बढ़ने लगा. उसके बाद लगातार राजनीति में सक्रिय रहे हैं. वह लगातार किसी न किसी सदन का सदस्य भी रहे हैं.