गुवाहाटी : असम जातीय परिषद (एजेपी) ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ मुठभेड़ों में वृद्धि वास्तव में छोटे स्तर के उन अपराधियों को शांत करने की एक चाल है, ताकि अवैध सिंडिकेट चलाने वाले उनके आकाओं को बचाया जा सके, जिसमें नेता और शीर्ष पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं.
एजेपी ने राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने भागने वाले अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस को मुठभेड़ों को अंजाम देने की मंजूरी दी है. पार्टी ने कहा कि हाल में मुठभेड़ों की संख्या अचानक बढ़ गई है, जिसके कारण इनकी वास्तविक मंशा को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
एजेपी के महासचिव जगदीश भुइयां ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'अपराध के खिलाफ लड़ाई की आड़ में, क्या शीर्ष अपराधियों को बचाने के लिए लोगों को 'चुप' कराया जा रहा है और उनके मन में आतंक पैदा किया जा रहा है ?'
एजेपी नेता ने कहा कि राज्य में मई से लेकर अब तक एक दर्जन से अधिक संदिग्ध उग्रवादियों और अपराधियों को मार गिराया गया है, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर हिरासत से भागने की कोशिश की थी. पुलिस मुठभेड़ में दुष्कर्म के कई आरोपी, पशु तस्कर घायल भी हुए हैं.