नरेंद्र मोदी के पुष्कर कार्यक्रम में हो सकता है बदलाव अजमेर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को तीर्थ गुरु पुष्कर आ रहे हैं. अभी तक तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन और पूजन करेंगे. बावजूद इसके पीएम मोदी के पुष्कर के पवित्र सरोवर की पूजा-अर्चना का कार्यक्रम को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. माना जा रहा है कि प्रदेश में लगातार बेमौसम बरसात की स्थिति बनी रहने की वजह से प्रधानमंत्री पवित्र सरोवर में पूजा अर्चना नहीं कर सकेंगे.
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मौसम विभाग ने जारी किया है अलर्टः इस बारे में मौसम विभाग की ओर से अलर्ट भी जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि अजमेर जिले के साथ-साथ राजधानी जयपुर में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ बरसात हो सकती है. अगर प्रधानमंत्री के किशनगढ़ पहुंचने पर मौसम बिगड़ता है, तो फिर उनके कार्यक्रम में तब्दीली होगी और उन्हें हेलीकॉप्टर की जगह सड़क मार्ग से पुष्कर जाना होगा. ऐसे में दौरे की अवधि में परिवर्तन के बाद पवित्र सरोवर में पूजा अर्चना को लेकर संशय बना हुआ है. कार्यक्रम में अगर तब्दीली होती है तो फिर प्रधानमंत्री ब्रह्मा मंदिर में ही दर्शन के बाद पूजा करेंगे और सभा स्थल की ओर रुख करेंगे.
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तीर्थ पुरोहित संघ ने रखी मांगः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पवित्र पुष्कर सरोवर में पूजा अर्चना के कार्यक्रम को लेकर एक तरफ संशय बना हुआ है वहीं दूसरी ओर तीर्थ पुरोहित संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सदियों से पुष्कर सरोवर में स्नान और पूजा अर्चना के उपरांत ही जगत पिता ब्रम्हा के दर्शन की परंपरा रही है. पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करना चाहिए. पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ के पदाधिकारी गोविंद पाराशर बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अजमेर जिले में जनसभा का कार्यक्रम तय हुआ था.
पुरोहित संघ ने पीएम मोदी के पुष्कर आगमन का आग्रह किया थाः पुष्कर तीर्थ पुरोहित संघ के पदाधिकारियों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और संगठन महामंत्री चंद्र शेखर से मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुष्कर आगमन को लेकर आग्रह किया गया था. साथ ही उन्हें पुष्कर तीर्थ और यहां की तीर्थ यात्रा का महत्व को बताया. पुष्कर तीर्थ का मतलब है ब्रह्मसरोवर जिसमें स्नान करके पूजन किया जाता है. देवी देवता, बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने पुष्कर के ब्रह्म सरोवर में स्नान और पूजा अर्चना की है. सदियों से श्रद्धालु पुष्कर तीर्थ यात्रा पर आते रहे हैं और यहां पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पूजा अर्चना करते आए हैं.