गुवाहाटी: सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सुप्रीमो बदरुद्दीन अजमल के इस बयान पर कि अगर मियां नहीं होंगे तो असम कभी पूरा नहीं होगा, राज्य भर में व्यापक प्रतिक्रियाएं दर्ज हुई हैं. बुधवार को धुबरी में पत्रकारों से बात करते हुए सांसद अजमल ने कहा कि असम और “मियां” दोनों भाई हैं. अजमल ने गुरुवार को बयान दिया कि जब तक ''मियां' नहीं होगा तो असम कभी भी कभी पूरा नहीं होगी.
धुबरी सांसद के मुताबिक, अगर असम के साथ मियां नहीं होंगे तो असम पूरा नहीं होगा. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को सांसद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उनका कहना है कि अजमल सही कह रहे हैं कि असम मियां के बिना पूरा नहीं है. हिमंता ने खुद इस बात को महसूस करते हुए कहा कि ईद के दिन सारी बसें गायब हो जाती हैं. उन्होंने आगे बताया कि अजमल वास्तव में अपनी टिप्पणी के माध्यम से असमिया समुदाय का मजाक उड़ा रहे हैं.
सीएम ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि असमिया लोग कम काम करते हैं और ''मियां'' थोड़ा ज्यादा काम करते हैं जो बिल्कुल सच है. इस पर कोई असहमति नहीं है. उन्होंने कहा कि ईद के दौरान गुवाहाटी में कोई ट्रैफिक जाम नहीं हुआ. यानि कि गुवाहाटी में मियां लोग सब्जियों का व्यापार करने से लेकर ट्रक, बस चलाने और रिक्शा खींचने तक का काम करते हैं.
उन्होंने कहा, अजमल ने जो कहा है उसे हमें देश का अपमान मानना चाहिए और असमवासियों को कार्य संस्कृति के जरिए बदला लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें इस बात से परेशान होना होगा कि अजमल भी हमारा मजाक उड़ा सकता है. ईद के दौरान बसों की कमी के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बैठक रद्द करनी पड़ी, उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में चलने वाली 80 प्रतिशत बसें मियां लोगों द्वारा संचालित होती हैं जबकि ओला-उबर में 70 फीसदी ड्राइवर मियां लोग हैं.