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अजित परेशान नहीं, कार्यकारी अध्यक्ष के लिए सुले के नाम का प्रस्ताव उन्होंने ही किया: शरद पवार - अजित पवार

राकांपा सुप्रीमो शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने इन खबरों को गलत बताया कि कि उनके भतीजे अजित पवार बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने से नाराज हैं. पढ़ें पूरी खबर...

NCP chief Sharad Pawar
राकांपा सुप्रीमो शरद पवार

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Published : Jun 10, 2023, 10:10 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने शनिवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त करने से उनके भतीजे अजित पवार नाराज हैं. पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'सुझाव उन्होंने (अजीत पवार ने) ही दिया था. इसलिए, उनके खुश या नाखुश होने का सवाल ही कहां है.' राकांपा प्रमुख ने तीन बार लोकसभा के लिए निर्वाचित सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की दिन में घोषणा की.

अजित पवार को राकांपा में शरद पवार के उत्तराधिकारी के रूप में देखा गया था, लेकिन 2019 में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में सुबह-सुबह शपथ ग्रहण करने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ उनके (अजित पवार के) संबंधों की वजह से पार्टी में उनका कद प्रभावित हुआ था. यह पूछे जाने पर कि क्या पटेल या सुले भविष्य में राकांपा प्रमुख बन सकते हैं, पवार ने कहा, 'अब कोई रिक्ति नहीं है. जब कोई रिक्ति होगी तो हम इस बारे में बात कर सकते हैं.'

सुले को पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की अध्यक्ष के साथ-साथ महाराष्ट्र का प्रभारी भी नियुक्त किया गया था, जिसके बाद पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव की शुरुआत हुई थी. महाराष्ट्र एकमात्र राज्य है, जहां राकांपा की एक उल्लेखनीय चुनावी उपस्थिति है. राकांपा प्रमुख की घोषणा के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निशाना साधा. भाजपा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट किया, 'क्या शरद पवार अपने भतीजे से उतना ही प्यार करते हैं, जितना ममता बनर्जी अपने भतीजे से प्यार करती हैं.'

पवार ने यह भी कहा कि पटेल और सुले की पदोन्नति पूरी पार्टी द्वारा लिया गया एक जागरूक निर्णय था. भाई-भतीजावाद के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राकांपा सुप्रीमो ने पलटवार करते हुए कहा, 'यह पूरी पार्टी का एक सचेत फैसला है, न कि अकेले मेरा. अगर मुझे फैसला करना होता, तो मैं इतने साल इंतजार क्यों करता.' पवार ने कहा कि अजित पवार के फैसले से नाखुश होने की खबरों में एक प्रतिशत भी सच्चाई नहीं है.

पवार ने कहा, 'जयंत पाटिल पहले से ही राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं, अजित पवार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले के पास पार्टी में ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं थी और वे पार्टी को समय देने के लिए तैयार थे.' उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इस आशय के सुझाव दिए थे और पिछले एक महीने से पार्टी के भीतर इस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी और उन्होंने शनिवार को इसकी घोषणा की. पवार ने कहा कि लोकसभा सदस्य होने के नाते सुले को दिल्ली में काम करना पड़ता है और उन्हें महाराष्ट्र के अलावा हरियाणा और पंजाब से सटे राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है.

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(पीटीआई-भाषा)

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