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Ajit Pawar meets Sharad Pawar : 'सीक्रेट मीटिंग' में शरद पवार और सुप्रिया सुले को मिला 'बड़ा ऑफर'

अजित पवार और शरद पवार की मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. सूत्रों की मानें तो इस बैठक में शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले को राजनीतिक पद ऑफर किया गया है. वैसे, सीनियर पवार ने एक दिन पहले ही यह साफ कर दिया था कि वह भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. लेकिन कांग्रेस और उद्धव गुट दोनों पसोपेश में हैं.

Ajit pawar meets Sharad Pawar
शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात

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Published : Aug 16, 2023, 2:18 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 9:29 PM IST

मुंबई : पहले शरद पवार और अजित पवार की मुलाकात, और अब महाराष्ट्र में प्रतिपक्ष के नेता विजय वड्डेटीवार के बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मचा दी है. उद्धव ठाकरे गुट से लेकर कांग्रेस में बेचैनी का आलम है. सत्ताधारी गठबंधन की अगुआई कर रही शिवसेना भी अचंभित है. दरअसल, वड्डेटीवार ने दावा किया है कि अगर शरद पवार, अजित पवार के साथ हो गए, तो अजित पवार का सीएम बनना तय है. वड्डेटीवार ने कहा कि इस शर्त को और किसी ने नहीं, बल्कि खुद पीएम मोदी ने रखी है.

वड्डेटीवार का दावा है कि पीएम ने कहा है कि अगर अजित पवार को सीएम बनना है, तो पहले शरद पवार को अपने पाले में करें. एक दिन पहले कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी ऐसा ही दावा किया था. उन्होंने कहा था कि भाजपा ने अजित को शरद पवार को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. चव्हाण का एक बयान मीडिया में आया है. इसके अनुसार शरद पवार को केंद्रीय मंत्री या फिर नीति आयोग में जगह दिए जाने का ऑफर है. चर्चा ये भी है कि शरद पवार अगर मंत्री न बनें, तो उनकी बेटी सुप्रिया सुले को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. एनसीपी नेता जयंत पाटिल को भी बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की खबर है. हालांकि, स्वतंत्र रूप से इन खबरों की किसी ने पुष्टि नहीं की है.

कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने शरद पवार से इस ऊहाफोह को लेकर स्पष्ट रूख जाहिर करने की अपील की है. उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने भी इससे मिलता-जुलता बयान दिया है. हालांकि, उनकी बातें थोड़ी अलग अंदाज से कही गईं हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि शरद पवार बड़ी राजनीतिक हस्ती हैं. राउत ने पूछा कि क्या अजित पवार की इतनी राजनीतिक हैसियत है कि वह सीनियर पवार को पद ऑफर कर सकें. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खुद चार बार सीएम रह चुका हो, केंद्रीय मंत्री रह चुका हो, 60 साल का लंबा राजनीतिक करियर हो, उस व्यक्ति को पद की क्या लालसा होगी.

वैसे एक दिन पहले ही शरद पवार ने भी सार्वजनिक रूप से इस ऑफर को ठुकरा दिया था. सीनियर पवार ने कहा कि उनका भाजपा के साथ जाने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, यह सबको पता है कि राजनीति में कब कौन सी परस्थिति बन जाए, कहना मुश्किल है. और शरद पवार के बारे में प्रेडिक्शन और भी मुश्किल है.

दरअसल, शरद पवार और अजित पवार की सीक्रेट मीटिंग को लेकर पूरा बवाल खड़ा हुआ है. उनकी बैठक एक उद्योगपति के घर पर हुई थी. इस बैठक के बारे में जब शरद पवार से पूछा गया, तो उन्होंने इसे निजी मुलाकात या फिर पारिवारिक मुलाकात बताया. इसके बाद शरद पवार ने भाजपा की ओर जाने की खबरों का भी खंडन किया. लेकिन अजित पवार और सीनियर पवार की मुलाकात के बाद शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस, दोनों ही टेंशन में हैं.

उद्धव गुट ने सामना के जरिए इस मुलाकात को सही नहीं ठहराया. उन्होंने सामना में लिखा कि इस मुलाकात को लेकर जनता भ्रमित है. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात को टाला भी जा सकता था. संपादकीय में यह भी लिखा गया कि कहीं भाजपा जानबूझकर तो अजित पवार को मोहरा नहीं बना रही है और अगर ऐसा है तो अजित को कुछ हासिल नहीं होगा.

करीब डेढ़ महीने पहले अजित पवार ने एनसीपी को तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया था. तब उन्होंने दावा किया था कि असली एनसीपी का प्रतिनिधित्व वही करते हैं. उनके साथ प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल भी थे. उस समय शरद पवार ने मीडिया से कहा था कि वह अपनी पार्टी फिर से खड़ी कर सकते हैं. सुप्रिया सुले ने भी अजित पवार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. फिर भी, जबसे अजित पवार महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं, तब से उन्होंने शरद पवार से चार बार मुलाकात की है.

कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भी इस मुलाकात को लेकर संदेह जाहिर किया है. उनका कहना है कि कोई भी मुलाकात छिपकर नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पार्टी के लिए चिंता का विषय है. हालांकि, शरद पवार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है. उनके अनुसार वह भाजपा के साथ नहीं हैं. 31 अगस्त को इंडिया गठबंधन की अगली बैठक होनी है. बैठक मुंबई में होनी है. इस बैठक को लेकर शरद पवार को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. बैठक में इंडिया के संयोजक के नाम पर भी चर्चा होनी है. जिन नामों पर चर्चा होनी है, उनमें उनका भी नाम शामिल है. साथ ही शरद पवार ने यह भी घोषणा कर रखी है, कि वह भाजपा के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करने वाले हैं. 17 अगस्त से वह अपनी रैलियों की शुरुआत कर सकते हैं. लेकिन इस बीच जैसी राजनीति हो रही है, उसके बाद पवार का अगला कदम क्या होगा, अभी इस पर संशय बरकरार है.

इस सारी परिस्थितियों को लेकर एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी शिवसेना भी परेशान बताई जा रही है. अब तक उनका स्टैंड रहा है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि उनकी सरकार या नेतृत्व पर कोई खतरा है. वैसे, गाहे-बगाहे उनके कुछ नेता इशारों ही इशारों में तंज जरूर कस रहे हैं, जिनके निशाने पर भाजपा है.

मीडिया में सुप्रिया सुले का भी एक बयान आया है, इसमें उन्होंने किसी भी ऑफर के मिलने का खंडन किया है.

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Last Updated : Aug 16, 2023, 9:29 PM IST

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