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Ajit Effect in Karnataka : स्वामी उवाच, 'कर्नाटक में भी होगी 'अजित' की एंट्री'

भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बयान ने एक अलग ही बहस को जन्म दे दिया है. क्या सच में कर्नाटक का हाल महाराष्ट्र जैसा हो सकता है. आइये डालते हैं एक नजर..

DK Shivkumar, HD kumarswamy, Siddaramaih (designed photo)
डीके शिवकुमार, एडी कुमार स्वामी, सिद्दारमैया (डिजाइन फोटो)

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Published : Jul 5, 2023, 5:41 PM IST

हैदराबाद:महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक ड्रामे ने सबको सकते में डाल दिया है, इसी बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बयानों ने कर्नाटक में भी खलबली मचा दी है. एच डी कुमारस्वामी का यह कहना कि बहुत जल्द कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार में भी इसी तरह की उठापटक देखने को मिल सकती है क्योंकि महाराष्ट्र में कल के चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद, मुझे डर है कि कर्नाटक में अजित पवार के रूप में कौन उभरेगा? उन्होंने यह भी कहा कि किसने सोचा था कि 2018 में बनी मेरी सरकार 2019 में गिर जाएगी.

पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में चौंकाने वाले घटनाक्रम के बाद मुझे डर है कि कर्नाटक में अजित पवार के तौर पर कौन सामने आएगा? उन्होंने कहा इसमें ज्यादा समय नहीं लगने वाला. एक साल के अंदर ही कांग्रेस की हुकूमत गिर जाएगी. मैं यह नहीं बताउंगा कि यहां अजित पवार कौन होगा लेकिन यह जल्द होगा.

वहीं भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने भी कांग्रेस को लेकर इसी तरह की टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में कुछ भी हो सकता है, और वो भी बहुत जल्द. इन दोनों के बयानों ने कर्नाटक के सियासी गलियारों में और ज्यादा गर्मी बढ़ा दी है.

भाजपा नेता येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एच डी कुमारस्वामी ने जो भी कांग्रेस के बारे में कहा है, मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं और वह बिल्कुल सही बात है. हो सकता है कि हम भविष्य में उनके (कुमारस्वामी) साथ मिलकर चुनाव लड़ें. इसके बाद कुमारस्वामी का एक और बयान आया जिसमें उन्होंने कहा कि बहुत संभव है कि इस साल के आखिर तक या लोकसभा चुनाव के बाद तक कांग्रेस सरकार बिखर जाएगी, इसके लिए बस हमें थोड़ा इंतेजार करना होगा.

भाजपा और जेडीएस का मिलना, कांग्रेस के लिए कैसा?

कर्नाटक विधानसभा में 224 विधानसभा सदस्य हैं और बहुमत का आंकड़ा 113 है. अभी भाजपा के 66 विधायक हैं और जेडीएस के कुल 19 विधायक हैं. अगर दोनों मिल भी जाते हैं तो कुल विधायक होंगे 85. भाजपा और जेडीएस के मिलने से कांग्रेस को कुछ खास फर्क पड़ने वाला नहीं है क्योंकि बहुमत के आंकडे 113 और 85 में एक लंबा फासला है.

फिर कैसे गिर सकती है कर्नाटक सरकार

अगर भाजपा और जेडी(एस) के मिलने पर भी बहुमत का आंकडा काफी दूर है तो फिर एक ही तरीका है जब यह सरकार गिर सकती है और वह है जैसे महाराष्ट्र में अजित पवार ने किया है. अगर कांग्रेस में भी कोई अजित पवार जैसा कोई कर जाए तो हो सकता है. लेकिन यह भी महाराष्ट्र जितना आसान नहीं है क्योंकि कांग्रेस के पास अभी 135 विधायक हैं और वह बहुमत के आंकड़े से 23 सीटें ज्यादा है.

क्या हुआ था कुमारस्वामी सरकार के साथ

कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन ने 2018 में मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन एक साल के बाद ही कई विधायक बागी हो गए और बगावत कर दी. इन विधायकों के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी की सरकार गिर गई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद भाजपा की सरकार बनी और येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने.

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