दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जयशंकर ने आमेर्निया के प्रसिद्ध विरासत स्थलों का दौरा किया - आर्मेनिया की राष्ट्रीय गैलरी का भी दौरा

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को आमेर्निया के प्रसिद्ध विरासत स्थलों का दौरा किया. आमेर्निया और भारत के गहरे ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करने के बाद उन्होंने टिप्पणी की कि अजंता यहां आर्मेनिया में भी मौजूद है. पढ़ें पूरी खबर...

भारत के विदेश मंत्री का आमेर्निया दौरा
भारत के विदेश मंत्री का आमेर्निया दौरा

By

Published : Oct 13, 2021, 10:10 PM IST

येरेवान (आर्मेनिया) :भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने बुधवार को आमेर्निया के प्रसिद्ध विरासत स्थलों का दौरा किया. आमेर्निया और भारत के गहरे ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र करने के बाद उन्होंने टिप्पणी की कि अजंता यहां आर्मेनिया में भी मौजूद है.

एस जयशंकर ने ट्वीट किया, आर्मेनिया-भारत संबंध येरेवान के मतेनादरन पुस्तकालय (Matenadaran library in Yerevan) में दिखाई देता है. पहला आर्मेनियाई समाचार पत्र और संविधान जो मद्रास (चेन्नई) में प्रकाशित हुआ था. उन्होंने 18वीं सदी के दस्तावेजों की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं.

मतेनादरन पुस्तकालय की स्थापना 1959 में हुयी थी और यह प्राचीन पांडुलिपियों के दुनिया के सबसे बड़े भंडारों में से एक है. जयशंकर आर्मेनिया की यात्रा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं. उन्होंने बाद में आर्मेनिया की राष्ट्रीय गैलरी का भी दौरा किया.

जयशंकर ने ट्वीट किया, आर्मेनिया में अजंता. येरेवान में आर्मेनिया की नेशनल गैलरी में प्रसिद्ध आर्मेनियाई कलाकार सरकिस खाचतुरियन द्वारा गुफाओं की पेंटिंग. साथ ही संस्कृत में महाभारत की एक प्रति मतेनादारन पुस्तकालय में.

जयशंकर मध्य एशिया के तीन देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मंगलवार को आर्मेनिया पहुंचे. उनकी यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को और आगे ले जाना और अफगानिस्तान के घटनाक्रम सहित प्रमुख क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करना है.

पढ़ें :विदेश मंत्री जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में शामिल करने का प्रस्ताव दिया

इससे पहले जयशंकर ने अपने आर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिरजोयान के साथ एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा कि वास्तव में दोनों देशों के संबंध कई सदियों से हैं और भारत में आर्मेनियाई प्रवासियों की उपस्थिति तथा चर्चों, शिक्षण संस्थान के साथ समृद्ध आर्मेनियाई विरासत रही है.

जयशंकर ने मिरजोयान के साथ बैठक के दौरान संपर्क (कनेक्टिविटी) बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया और प्रस्तावित किया कि ईरान में रणनीतिक चाबहार बंदरगाह को उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर में शामिल किया जाए.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details