नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दिव्यांग व्यक्तियों को ले जाने के अपने नियमों में संशोधन किया है. डीजीसीए ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विमानन कंपनियां दिव्यांगता के आधार पर किसी यात्री को बोर्डिंग से इनकार नहीं कर सकतीं.
संसद के ऊपरी सदन को एक लिखित जवाब में केंद्र ने सोमवार को कहा कि 'डीजीसीए ने अब सीएआर सेक्शन 3 - एयर ट्रांसपोर्ट, सीरीज़ एम पार्ट IV को संशोधित किया है. जिसका शीर्षक है 'कैरिज बाय एयर-पर्सन विद डिसेबिलिटी एंड/या पर्सन्स विद रिड्यूस्ड मोबिलिटी' है. दरअसल मई में रांची-हैदराबाद उड़ान में एक दिव्यांग को सवार नहीं होने दिया गया था. भविष्य में ऐसी अप्रिय घटना से बचने के लिए 22 जुलाई 2022 को डीजीसीए ने अपने नियमों में संशोधन किया है.
पांच लाख रुपये लगा था जुर्माना :केंद्र ने अपने जवाब में यह भी सूचित किया कि 'तथ्य खोज की रिपोर्ट के आधार पर' इस घटना की जांच के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा गठित समिति ने एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.' इस सवाल पर कि क्या सरकार ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए ग्राउंड स्टाफ और क्रू के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता अभियान शुरू करेगी. केंद्र ने जवाब दिया कि एयरलाइनों, हवाईअड्डा संचालक, सुरक्षा, सीमा शुल्क और आव्रजन के सभी कर्मियों के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का प्रावधान है.