नई दिल्ली: एयर इंडिया के विमान में शराब के नशे में धुत यात्री द्वारा महिला के ऊपर पेशाब करने के मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने जवाबदेह प्रबंधक, इन-फ्लाइट सर्विसेज के निदेशक, एयर इंडिया और उस उड़ान के पायलटों व केबिन क्रू सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें डीजीसीए ने पूछा है कि उनके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई क्यों न की जाए.
डीजीसीए का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह सामने आता है कि एक अनियंत्रित यात्री को बोर्ड पर संभालने से संबंधित प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है. संबंधित एयरलाइन का आचरण अव्यवसायिक प्रतीत होता है और इसके कारण प्रणालीगत विफलता हुई है. इसमें नियामक दायित्वों की सराहना का अभाव है.
बता दें कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया ने गुरुवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को बताया कि नवंबर में उसकी न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान में मुंबई के एक कारोबारी द्वारा महिला सहयात्री पर कथित तौर पर पेशाब किए जाने के मामले में उसके कर्मचारियों ने इसलिए शिकायत नहीं की थी, क्योंकि ऐसा लगा था कि दोनों पक्षों के बीच सुलह समझौता हो गया और महिला ने कार्रवाई के लिए अपना प्रारंभिक अनुरोध वापस ले लिया था.
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया ने चार जनवरी के नोटिस पर गुरुवार को डीजीसीए को जवाब भेजा. इसमें 26 नवंबर, 2022 को एयर इंडिया की उड़ान संख्या 102 में हुई घटना के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई है. सूत्रों के अनुसार इसमें कहा गया है कि विमान के बिजनेस क्लास में सवार आरोपी पर आंतरिक समिति की रिपोर्ट आने तक 30 दिन के लिए एयर इंडिया की उड़ान में सवार होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.