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पैगम्बर-ए-इस्लाम के कार्टून पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताया ऐतराज

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव हजरत मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने यहां बयान में कहा कि ICSE बोर्ड की सातवीं कक्षा के इतिहास विषय से संबंधित पाठ्य पुस्तक में पैगम्बर-ए-इस्लाम और हजरत जिब्राइल पर कार्टून शामिल किया गया है, जो अपमान की श्रेणी में आता है. ऐसे में सरकार तत्काल इस पुस्तक पर रोक लगाने के साथ प्रकाशक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे.

AIMPLB (etv bharat photo)
एआईएमपीएलबी (ईटीवी भारत फोटो)

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Published : Dec 7, 2021, 9:56 AM IST

लखनऊ : देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board-AIMPLB)ने ICSE बोर्ड की सातवीं कक्षा के इतिहास विषय की किताब में पैगंबर-ए-इस्लाम और हजरत जिब्राइल पर कार्टून शामिल किए जाने पर सख्त ऐतराज जताया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर सरकार से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से पुस्तक पर प्रतिबंध (demand of ban on the book) लगाया जाए. साथ ही प्रकाशक पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

AIMPLB के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि हर मुसलमान अपने नबी को अपनी जान, अपने मां-बाप और अपनी संतान से भी ज्यादा प्यार करता है. वह नबी की शान में छोटी-सी भी निंदा सहन नहीं कर सकता है और पैगंबर-ए-इस्लाम की काल्पनिक छवि या कार्टून बनाना भी अपमान की श्रेणी में आता है.

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इसलिए, सरकार तत्काल प्रभाव से उस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाए. उसकी कृतियों को जब्त करें और लेखक व प्रकाशक के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करें. मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि पिछले दिनों कानपुर में आयोजित होने वाली बोर्ड की 27वीं बैठक में सरकार से मांग की गई थी कि वह धर्मों की आस्थाओं के प्रतीकों अथवा पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान से संबंधित प्रभावी कानून बनाए और उसको कड़ाई के साथ लागू करे.

बोर्ड अपनी मांग को दोहराना चाहता है और स्पष्ट करता है कि बोर्ड सभी धर्मों को आस्थाओं के प्रतीकों अथवा पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान को जुर्म मानता है, क्योंकि इससे जनता के एक बड़े वर्ग में द्वेष उत्पन्न होता है.

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