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असदुद्दीन ओवैसी ने बार-एट-लॉ की अपनी डिग्री दिखाई, जानें क्यों

हैदराबाद के सांसद तथा एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज यहां पत्रकार सम्मेलन में अपनी शैक्षणिक योग्यता का सबूत दिया. उन्होंने अपनी बार-एट-लॉ की डिग्री दिखाई.

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Published : Apr 10, 2023, 7:52 PM IST

हैदराबाद : एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर उनका मजाक उड़ाने के लिए आप के अभियान 'शो योर डिग्री' के बीच लिंकन्स इन से मिली बार-एट-लॉ की डिग्री दिखाई. हैदराबाद के सांसद ने पार्टी मुख्यालय दारुस्सलाम में एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी डिग्री दिखाते हुए कहा कि चुनावी हलफनामे में सभी ब्योरा पेश करने के बाद किसी को डिग्री दिखाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. हालांकि, वह इस सवाल का जवाब देने से बचते रहे कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी डिग्री दिखाने की मांग कर रहे हैं? ओवैसी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने जो डिग्री दिखाई, उसका आम आदमी पार्टी (आप) के अभियान से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं तथाकथित विपक्षी एकता का हिस्सा नहीं हूं. आप कल मुझसे पूछ सकते हैं कि आपकी डिग्री कहां है, इसलिए मैं इसे दिखा रहा हूं, जो मुझे 1995 में मिली थी."

सांसद ने कहा कि अगर कोई उनकी डिग्री देखना चाहता है, तो वह लिंकन्स इन को ई-मेल कर सकता है और प्राप्त कर सकता है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार के बयान कि प्रधानमंत्री की डिग्री राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है और अडानी मुद्दे पर उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि यह सवाल कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह उन लोगों की समस्या है जो विपक्ष में हैं. आपने संसद को ठप कर दिया और एक रणनीति बनाई और अब आपका मुख्य साथी कुछ कह रहा है. कांग्रेस नेताओं को शरद पवार से पूछना चाहिए, खासकर उस नेता से, जो अपनी लोकसभा सदस्यता खो चुके हैं." ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने अपनी विचारधारा से समझौता कर लिया है और हिंदुत्व का सबसे बड़ा नेता कौन है, इस होड़ में शामिल हो गई है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी में नेहरू की आदर्शवाद की राजनीति कहां है? स्वतंत्रता सेनानियों, समग्र संस्कृति और विविधता का सपना कहां है. ये सब अतीत बन गए हैं."

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ने कहा कि यह कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में राज्य प्रायोजित धर्म संसद हुई थी और जहां 'एक नेता ने मुसलमानों के खिलाफ बकवास की थी'. बिहार में हिंसा पर ओवैसी ने इसे रोकने में विफल रहने के लिए नीतीश कुमार और राजद की गठबंधन सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी. बिहार पुलिस के बयान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "अगर यह पूर्व नियोजित था, तो क्या आप सो रहे थे?" सांसद ने कहा कि 31 मार्च के बाद एक अप्रैल को ज्यादा हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि जब मदरसे में आग लगाई गई तो पुलिस मूकदर्शक बनी रही. उन्होंने टिप्पणी की, "फिर भी बिहार सरकार मुआवजे का भुगतान करने और कार्रवाई करने में विफल रहे पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की बात नहीं करती. ऐसा करने के बजाय आप इफ्तार पार्टियों की मेजबानी कर रहे हैं और तारीखों का लुत्फ उठा रहे हैं."

ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के खिलाफ हिंसा तब तक नहीं रुकेगी, जब तक कि बीजेपी उन संगठनों को नियंत्रित नहीं करती, जो इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 50 घृणा रैलियां आयोजित की गईं, जहां मंत्रियों ने मुसलमानों के खिलाफ बात की. उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई. राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ कांग्रेस नेता सचिन पायलट के अनशन पर ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने कहा, "दोनों दलों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया. अब एक पूर्व उपमुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ अभियान शुरू कर रहे हैं. इससे पता चलता है कि वे भ्रष्टाचार पर गंभीर नहीं हैं." ओवैसी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राजस्थान की जनता को सुशासन देने में विफल रही और लोग इससे तंग आ चुके हैं. उन्होंने कहा, "वह (पायलट) मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. दोनों (पायलट और अशोक गहलोत) को राजस्थान के लोगों का सपना पूरा करना चाहिए था."

(आईएएनएस)

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