अलीगढ़ : ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने एएमयू से जिन्ना की फोटो हटाने के सवाल पर कहा कि अगर प्रधानमंत्री और सांसद सतीश गौतम के अंदर हिम्मत है तो एएमयू से जिन्ना की तस्वीर हटा दें.
उन्होंने इस दौरान जिन्ना को साहब कह कर भी संबोधित किया. हालांकि वे यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि भाजपा की पार्टी के लोग जिन्ना की तारीफ करते हैं. तस्वीर हटाने को लेकर भाजपा सांसद सतीश गौतम का बयान पहले ही आ चुका है.
एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन्ना की फोटो हटाने से पहले भाजपा को अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी से निकाल देना चाहिए. जिन्होंने पाकिस्तान में जिन्ना की कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़कर आए थे और जिन्ना की शान में कसीदे भी पढ़े थे. शौकत अली ने कहा कि प्रधानमंत्री व अलीगढ़ के सांसद में हिम्मत है तो वह एएमयू से जिन्ना की तस्वीर को निकालें.
हिम्मत है तो AMU से हटाये जिन्ना की तस्वीर सौ सीटों पर यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी
उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसको लेकर एआईएमआईएम बुधवार को होटल गुलमर्ग में समीक्षा हुई. सौकत अली ने बताया कि उत्तर प्रदेश की 100 सीटों पर पार्टी अपने कैंडिडेट उतारेगी. जिसके आवेदन फॉर्म जारी कर दिया गया है. पूरे प्रदेश में समीक्षा बैठक चल रही है.
उन्होंने कहा कि हम यूपी में सियासी पार्टी से समझौता कर बीजेपी को रोकना चाहते हैं. इसके लिए सभी पार्टियों को साथ आना पड़ेगा और सपा और बसपा मिलकर भी भाजपा को नहीं रोक पाएगी. उन्होंने कहा कि कोई भी गठबंधन अगर उत्तर प्रदेश में बनता है. उस गठबंधन का हिस्सा अगर एआईएमआईएम नहीं होगी तो वह गठबंधन बीजेपी को रोक नहीं पायेगा और केवल ठगबंधन बनकर ही रह जाएगा.
बीजेपी को रोकने के लिए सपा-बसपा से समझौते को तैयार
शौकत अली ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश में कामयाब भी होना चाहते हैं और बीजेपी को रोकना भी चाहते हैं. लोग एआईएमआईएम को बीजेपी की बी टीम कहते हैं. ये सही नहीं है. जहां हमारा वजूद है वहां हमने बीजेपी को कामयाब होने नहीं दिया और उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी को रोकेंगे. लेकिन इसके लिए सेकुलर पार्टियों को ओवैसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा.
उन्होंने कहा कि हमारे दरवाजे सपा और बसपा दोनों के लिए खुले है और हम चाहते हैं कि मिलकर चुनाव लड़े. ताकि भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकें. वही गठबंधन को लेकर शौकत अली ने कहा कि सपा और बसपा से अगर कोई समझौता होता है तो सीटों के बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं होगा.
भाजपा की बी टीम नहीं है
उन्होंने कहा कि हमारी वजह से भाजपा को फायदा नहीं होता है. हम एक राजनीतिक दल है और चुनाव में शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2014 से चुनाव लड़ना शुरू किया. लेकिन उससे पहले भाजपा की सरकार यूपी में बनी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा के वोटर भाजपा में चले गए और इल्जाम हमारी पार्टी पर लगता है. उन्होंने कहा कि हमारा वोटर कभी बीजेपी को वोट नहीं करता है.
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भाजपा मुस्लिम कार्ड खेल रही है
दो बच्चों पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कानून लाने पर उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक स्टंट है. बीजेपी चुनाव में ऐसा मुद्दा उठाती है. उन्होंने जितने भी वायदे विकास के किए थे. वह नाकाम हो गए. आवाम को बुनियादी सुविधाएं नहीं दी गई. यह कोरोना वायरस में पता चल चुका है. बीजेपी के लोग केवल हिंदू और मुस्लिम कार्ड खेलते हैं. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम का मुद्दा विकास का होगा और हैदराबाद मॉडल पर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ेंगे.
वहीं धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह फेक है और बीजेपी का पॉलीटिकल एजेंडा है. इस्लाम के अंदर कोई जोर जबरदस्ती नहीं है. इस्लाम किसी को जबरदस्ती धर्मांतरण नहीं कराता और किसी के धर्म में भी हस्तक्षेप नहीं करते. उन्होंने कहा कि अगर कोई इस्लाम कुबूल करना चाहे तो उसका स्वागत है और उसे कलमा पढ़ाने को तैयार है.
भाजपा के अंदर मुख्यमंत्री से लोग नाराज
वहीं रोहिंग्या मुसलमान के सवाल पर भी उन्होंने कहा कि यह भी बीजेपी का पॉलीटिकल एजेंडा है. जब इलेक्शन आता है. रोहिंग्या पकड़े जाते हैं और इलेक्शन खत्म होता है . तो रोहिंग्या छोड़ दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि असम और वेस्ट बंगाल के चुनाव में देख चुके हैं. उन्होंने जो भी वायदे आवाम से किए थे. उसे पूरे नहीं किए. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के लोग ही नाराज चल रहे हैं और योगी जी स्वयं केशव प्रसाद मौर्य के घर मनाने जा रहे हैं.