दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद एम्स नर्स यूनियन की हड़ताल समाप्त हो गई है. एम्स प्रबंधन के साथ बैठक के बाद नर्स यूनियन ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है.
एम्स प्रबंधन के साथ बैठक के बाद नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल समाप्त, हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
22:05 December 15
एम्स प्रबंधन के साथ बैठक के बाद नर्स यूनियन की हड़ताल समाप्त
16:22 December 15
ड्यूटी पर लौटें एम्स की नर्सें, जनवरी, 2021 में अगली सुनवाई : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एम्स नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल पर रोक लगा दी है. मंगलवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है.
दरअसल, नर्सों ने छठे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और संविदा नियुक्तियों को खत्म करने जैसे मुद्दों पर 14 दिसंबर को दोपहर बाद से हड़ताल शुरू की थी. मंगलवार को न्यायमूर्ति नवीन चावला ने नर्सों की हड़ताल के खिलाफ एम्स की एक याचिका पर आदेश सुनाया.
अदालत ने अगले आदेश तक नर्सों को हड़ताल पर जाने से रोक दिया. इससे पहले एम्स ने अदालत को बताया कि वह नर्स संघ की समस्याओं पर विचार कर रहा है. अदालत ने नर्स संघ को नोटिस भी जारी किया और मामले में अगली सुनवाई जनवरी, 2021 तक के लिए स्थगित कर दी.
एम्स ने अदालत से कहा कि मौजूदा महामारी के दौर में यदि अस्पताल में हड़ताल जारी रहती है तो व्यवस्था ठप हो जाएगी और यह जनहित में नहीं होगा.
13:21 December 15
एम्स प्रशासन पर गंभीर आरोप
नर्सिंग स्टाफ के यूनियन प्रेसिडेंट हरीश कालरा ने एम्स प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि हमारे साथ कैंटीन में सौतेला व्यवहार किया जाता है. जब हम डॉक्टरों की तरह से हर मरीज की पूरी देखभाल कर रहे हैं, तो फिर हमसे सौतेला व्यवहार क्यों? वहीं उनका का यह भी कहना है कि एक एम्स की सफदरजंग हॉस्पिटल की नर्स को समांतर वेतन क्यों नहीं मिलता, जबकि काम दोनों का एक ही है.
'हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों'
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि जब हमारी नर्स कैंटीन पर चाय पीने के लिए गई, तो वहां एम्स प्रशासन के बॉडीगार्ड ने धक्का मारकर उसे गिरा दिया. जिससे उसके पैर में गंभीर चोटें आई हैं. जब हम डॉक्टरों की तरह ही पूरी तरह से अपने काम को कर रहे हैं, तो फिर हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों और हमारी इनके अलावा भी कई मांगे हैं. जिनको अभी तक पूरा नहीं किया जा सका, इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने पहले भी हमें आश्वासन दिया था, लेकिन के कारण इन लोगों ने हमारी मांगों को दरकिनार करते हुए कई नियम ला दिए.
13:20 December 15
अश्विनी चौबे ने हड़ताल वापस लेने का किया आग्रह
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बोले कि सरकार के संज्ञान में जो भी बातें आएंगी हम उसपर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे और हम चाहेंगे कि एम्स प्रशासन उनकी उचित समस्याओं को दूर करे. मेरा आग्रह है कि वो हड़ताल वापस लें.
11:00 December 15
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एम्स के नर्सिंग स्टाफ यदि काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ नेशनल डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एम्स के नर्सिंग स्टाफ के अचानक हड़ताल पर जाने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं
10:02 December 15
एम्स के नर्स संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल
नई दिल्ली:एम्स का नर्स संघ अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया, जबकि एम्स के निदेशक ने उनसे आंदोलन वापस लेने और काम पर लौटने की अपील की है. उनकी मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना भी शामिल है.
करीब पांच हजार नर्स आज दोपहर से हड़ताल पर चले गए जिससे इस प्रतिष्ठित अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं. वहीं एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक वीडियो संदेश में महामारी के समय में हड़ताल को 'अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया.
इसके साथ ही आईएमए ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति देने से संबंधित सरकारी अधिसूचना का विरोध करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की अपील की है. बता दें कि आईएमए ने तीन वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक चिकित्सकों को कुछ सर्जरी करने की अनुमति देने के भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) के फैसले के खिलाफ देश भर में विरोध करने के आह्वान किया था.
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AIIMS अस्पताल के करीब 5,000 नर्स का स्टाफ ने अचानक से हड़ताल शुरू कर दी. इसकी वजह से AIIMS अस्पताल में कई सेवाएं बाधित हुई है . AIIMS प्रसाशन और स्वास्थय विभाग द्वारा इनकी मांगें को ना मानने पर नर्स यूनियन ने बड़ा कदम उठाते हुए सभी सेवाएं बंद रख हड़ताल पर चली गई. बताया जा रहा है कि AIIMS की नर्सों की मांगों को लेकर पहले ही कोरोना काल में प्रसाशन की तरफ से इन्हें आश्वाशन दिया गया था. लेकिन AIIMS प्रसाशन और सरकार की तरफ से इन नर्सों को इनकी मांगे पूरी करने का भरोसा दिया गया था. अब AIIMS प्रसाशन इनकी मांगों को दरकिनार करते हुए आउट साइट से कॉन्टेक्ट बैस पर नए स्टाफ की भर्ती कर रहा है. AIIMS प्रशासन के इस फैसले से खफा होकर करीब 500 नर्स का स्टाफ आज हड़ताल पर चला गया है. इसकी वजह से AIIMS में भर्ती मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
गंभीर मरीजों के लिए काफी समस्या बढ़ गई
AIIMS अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के अचानक हड़ताल करने की वजह से कई गभीर मरीजों के लिए काफी समस्या बढ़ गई है. उनकों समय पर दवाई या अन्य सुविधाएं नहीं दी रही है. इसकी वजह से अस्पताल प्रसाशन में भी खलबली मच गई है. लेकिन जिस तरीके से लगातार एम्स अस्पताल और दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में सरकार और अस्पताल प्रसाशन की तरफ से इस तरीके के फैसले लिए जा रहे है वह काफी भयाभव स्थिति को पैदा कर सकते हैं. दिल्ली में अभी कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई है. अगर इस तरीके से अस्पताल प्रसाशन और नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर आए दिन हड़ताल करते रहेंगे तो फिर दिल्ली में बीमारीयों को लेकर हालात बैकाबू हो सकते है.
16 दिसंबर को हड़ताल करना निश्चित था
वेतन विसंगतियों और नर्सिंग भर्ती में 80 और 20 फीसदी के अनुपात आरक्षण का विरोध समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर AIIMS नर्सिंग यूनियन ने 16 दिसंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल समय से 2 दिन पहले ही शुरू कर दी है. सभी सेवाएं बंद कर जवाहरलाल नेहरू ऑडिटोरियम के बाहर नर्सेज ने बाहर आकर प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया है. AIIMS नर्सेज यूनियन के अध्यक्ष हरीश कालरा ने बताया कि 16 दिसंबर को हड़ताल करना निश्चित था, लेकिन इसी बीच में और उस के माध्यम से अधिकारियों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर बहाल कर उनकी हड़ताल को कमजोर करने की कोशिश की गई है. इसलिए पूर्व निर्धारित हड़ताल 16 दिसंबर के बजाय 14 दिसंबर से ही शुरू कर दी गई है. लेकिन इसी बीच में नर्सेज यूनियन की हड़ताल के अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ने को लेकर हड़ताल वापस लेने के लिए AIIMS के डायरेक्टर ने AIIMS नर्सेज यूनियन से एक वीडियो जारी कर हड़ताल वापस लेने की अपील की है.
वीडियो के जरिये हड़ताल वापस लेने की अपील
इस वीडियो में डॉक्टर गुलेरिया ने एक कोरोना से जोरदार तरीके से मुकाबला करने के लिए पूरे AIIMS फैमिली के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एम्स नर्सिंग स्टाफ समेत पूरे परिवार ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन दुर्भाग्यवश AIIMS नर्सिंग यूनियन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चली गयी है. जिसकी वजह से कोरोना मरीजों की सेवा करने में परेशानी हो रही है.
दुनिया की सबसे सम्मानित नर्स की सेवाभाव का दिया उदाहरण
डॉ गुलेरिया ने कहा कि 2020 में दुनिया की महान फ्लोरेंस नाइटेंगल जिन्हें लेडी विद द लैंप के नाम से जाना जाता है, की जन्म शताब्दी मनाई जा रही है. निगत बंगले फ्लोरेंस ने विश्व युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की दिन-रात बिना थके सेवा की और बदले में किसी चीज की उम्मीद नहीं की. आज पूरी दुनिया एक अलग ही विश्व युद्ध लड़ रही है. इसमें दुश्मन नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसे में चुनौती बड़ी है. लॉरेंस ने कहा था एक सच्चा नर्स वही होता है जो अपने कर्तव्य को कभी नहीं छोड़ता. महामारी के दौरान तो बिल्कुल नहीं.
लगभग सभी मांगे पूरी कर ली गई हैं
डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि AIIMSनर्सिंग यूनियन ने उनके सामने अपनी मांगों की एक सूची दी थी. लगभग सभी मांगे पूरी कर ली गई हैं. इनमें से एक मांग वेतन विसंगति को लेकर है. छठे वेतन आयोग के मुताबिक नर्सों के शुरुआती वेतन निर्धारित कर दी गई है.