चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक में 23 जून को होने वाली पार्टी की आम परिषद की बैठक से पहले गतिरोध जारी है. ओ पन्नीरसेल्वम और के पलानीस्वामी गुट चाहते हैं कि उनका नेता पार्टी प्रमुख के रूप में उभरे. इसी सिलसिले में अन्नाद्रमुक कार्यालय में शनिवार को बैठक की गई जिसमें ओ पन्नीरसेल्वम एवं पलानीस्वामी सहित कई पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक भी शामिल हुए. इस बैठक में जहां विपक्ष के नेता का पद के पलानीस्वामी को दिया गया. वहीं, पार्टी के मुख्य समन्वयक का पद ओ पनीरसेल्वम को दिया गया. हालांकि पार्टी दोहरे नेतृत्व में रही है और कई नेताओं ने इस व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा है कि अन्नाद्रमुक इस वजह से अपनी लड़ाई की भावना खो चुकी है.
इस दौरान सभी पार्टी मंचों पर व्यापक आलोचना के बाद 23 जून को पार्टी की सामान्य परिषद की बैठक बुलाने और उसी पर निर्णय लेने का निर्णय लिया गया. ऐसी खबरें हैं कि पार्टी के अधिकांश पदाधिकारी पार्टी के एकल नेता के रूप में पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी एकजुट होकर काम करेगी. हालांकि, पन्नीरसेल्वम के प्रति निष्ठा रखने वालों ने यह महसूस करते हुए इस सुझाव का स्वागत नहीं किया कि उन्हें दरकिनार किया जा सकता है. अन्नाद्रमुक ओपीएस और ईपीएस दोनों के करीबी दूसरे पायदान के नेताओं के बीच संघर्ष की स्थिति में है और पार्टी में दो सत्ता केंद्र पहले ही उभर चुके हैं. इस बीच, लोकसभा में पूर्व उपाध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता एस थंबीदुरई ने एक पहल की है और गतिरोध को तोड़ने के लिए ओपीएस और ईपीएस दोनों से मुलाकात की है.