नई दिल्ली :कांग्रेस ने भोपाल में विपक्षी गठबंधन इंडिया की संयुक्त रैली से पहले दावा किया कि वह मध्य प्रदेश में वापसी की राह पर है. पार्टी इसे एक संकेत के रूप में देख रही है क्योंकि पिछले छह महीनों में 40 से अधिक वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए इस साल के अंत में चुनाव होंगे. इस संबंध में मध्य प्रदेश के प्रभारी और एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल (AICC secretary in charge of MP CP Mittal) ने कहा कि भोपाल में संयुक्त विपक्ष रैली मध्य प्रदेश के मतदाताओं को एक मजबूत संदेश देगी. उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से कांग्रेस को मदद मिलेगी, जो मजबूत स्थिति में है.
मित्तल ने कहा कि भाजपा राज्य में अराजकता है जिसे अपनी हार का एहसास हो गया है. इसी वजह से भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल होने के लिए दौड़ रहे हैं. पिछले छह महीनों में 40 से अधिक भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और कई अन्य आने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जल्द आप देखेंगे कि कुछ मौजूदा विधायक भी हमारे साथ शामिल हो रहे हैं.
बता दें कि हाल ही में भाजपा छोड़ने वाले 40 नेताओं में कई पूर्व विधायक और मंत्री भी शामिल हैं. इनमें भाजपा के दो पूर्व मंत्री के अलावा पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी और राधेलाल बघेल मई में कांग्रेस में शामिल हुए थे.बाद में, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं हाल ही में नर्मदापुरम से पूर्व विधायक गिरिजा शंकर शर्मा भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि इसी तरह की प्रवृत्ति हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में देखी गई थी, जहां भाजपा नेताओं को भगवा पार्टी की हार का एहसास हो गया था और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पिछले 18 वर्षों में कुछ नहीं किया है और मतदाता उनसे परेशान हैं. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इसकी भनक लग गई है और इसीलिए पीएम मोदी को पिछले कुछ महीनों में दो बार सागर जिले का दौरा करना पड़ा है. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. वे डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है.