आगरा:ताजनगरी में एक डॉक्टर की किराए की डिग्री पर कई चिकित्सा संस्थान के रजिस्ट्रेशन का खुलासा होने से डाॅक्टर्स में खलबली मची हुई है. अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बार-बार समय देने पर भी पर्याप्त एनओसी और कागजात जमा न कराने पर जिले के 15 हाॅस्पिटल के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. इसके साथ ही 60 स्वास्थ्य इकाइयों का लाइसेंस सात दिन के लिए सस्पेंड किया गया है. सात दिन में यदि जरूरी एनओसी और दस्तावेज विभाग में जमा नहीं किए गए तो इनके भी लाइसेंस को निरस्त किया जाएगा. इसमें हाॅस्पिटल, पैथोलॉजी और रेडियो डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल हैं.
बता दें कि बीते माह आगरा में चिकित्सा एवं स्वास्थ विभाग ने यूपी में चिकित्सा संस्थान के रजिस्ट्रेशन के नाम पर चल रहे फर्जीवाडे का खुलासा किया था. इसमें सूबे में 15 डॉक्टरों की डिग्रियों पर 449 अस्पताल और स्वास्थ्य संस्थान पंजीकृत मिले. इससे प्रदेश में हलचल मच गई थी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किए. छापामार कार्रवाई की. इस पर करीब 40 स्वास्थ्य इकाइयों के संचालकों ने खुद ही रजिस्ट्रेशन सरेंडर कर दिए. आगरा में 150 से अधिक इकाइयों का नवीनीकरण रोक दिया गया था.
हर दस्तावेज की जांच कर रही सीएमओ की टीम
सभी को मूल अभिलेख, प्रभारी डॉक्टर, स्टॉफ, पैरा मेडिकल स्टॉफ, अग्निशमन, प्रदूषण और पर्यावरण का अनापत्ति प्रमाण पत्र नियत समय में प्रस्तुत करने की चेतावनी दी गई थी. चिकित्सा विभाग की कार्रवाई पर ऐसे हाॅस्पिटल और चिकित्सा इकाइयों के संचालकों ने नए डॉक्टरों के नाम से आवेदन किए. इनकी जांच के बाद सीएमओ कार्यालय ने 15 हाॅस्पिटल के लाइसेंस निरस्त कर दिए, जबकि 60 को सस्पेंड कर दिया है. इन चिकित्सा संस्थान के संचालकों को सात दिन का समय दिया गया है. इस समयावधि में जवाब न देने पर इनके भी लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे.
सूचना पर दूसरे जिलों में कार्रवाई नहीं
बता दें कि सीएमओ आगरा की टीम ने प्रदेश में चिकित्सा संस्थानों के पंजीकरण में किए जा रहे खेल को उजागर किया. इसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी गई. इसके साथ ही दूसरे जिम्मेदार विभाग को सूचना दी. इसके बाद भी आगरा के अलावा दूसरे जिलों में डाॅक्टर्स की किराए की डिग्री से पंजीकृत चिकित्सा संस्थान पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.
20 चिकित्सा इकाइयों पर लगाई जा चुकी है सील
सीएमओ डाॅ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एक चिकित्सक के नाम पर कई चिकित्सा संस्थान का रजिस्ट्रेशन होने का खुलासा होने पर जिले में अभियान चलाया जा रहा है. शहर और देहात को मिलाकर करीब 20 इकाइयां सील की जा चुकी हैं. इसमें 14 अस्पताल और छह पैथोलॉजी हैं. इस अभियान में कई झोलाछाप भी पकड़े गए. इतना ही नहीं, छापेमारी में कुछ इकाइयों के संचालक ताला डालकर भाग गए. कुछ संचालकों के खिलाफ विभाग ने मुकदमे भी दर्ज कराए हैं.