आगरा:ताजनगरी में अपने ही खून के प्यासे बन रहे हैं. जिले में बीते सात महीनों में 41 हत्याएं (41 murders in Agra) हुईं. इनमें से सिर्फ चार हत्याएं बदमाशों ने की और बाकी 37 हत्याओं में अपने ही कातिल निकले. इन लोगों ने सनक में रिश्तों का खून किया.
जानकारी देते अधीक्षक मानसिक स्वास्थ्य संस्थान आगरा डॉ. दिनेश राठौड़ इन हत्याओं ने पुलिस को भी हैरान कर दिया है. अगर अपने ही जान लेने पर उतारू हो जाएंगे तो पुलिस भी इन्हें नहीं रोक पाएगी. इस संबंध में समाजशास्त्री, मनोवैज्ञानिक और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संयुक्त परिवार खत्म हो रहे हैं और एकल परिवार का चलन बढ़ता जा रहा है. इससे सामाजिक और जीवन मूल्यों के मायने बदले रहे हैं. इसका परिणाम है कि लोगों की सहनशक्ति कम हो रही है और गुस्सा, सनक बढ़ गई. इसी वजह से अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं. बता दें कि आगरा में 1 जनवरी से 31 जुलाई 2022 तक 41 हत्याएं हुईं. इसमें से सिर्फ 4 हत्याएं बदमाशों ने की हैं. पैसे, रिश्ते और किसी दूसरे की चाहत में अपने ही दुश्मन बन गए. आंकड़ों से साफ है कि वारदातें तो कम हुई हैं. लेकिन, सामाजिक अपराध का दायरा बढ़ रहा है, जोकि चिंता का विषय है.
ट्रांजिशन के दौर से गुजर रहा समाज
आगरा मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (Agra Institute of Mental Health) और चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि आज के समय में हमारा समाज ट्रांजिशन के दौर से गुजर रहा है. पहले सभी संयुक्त परिवार में रहते थे, लेकिन अब एकल परिवार में रहने लगे हैं. इस व्यवस्था से समाज में भी बदलाव आया है. पहले बुजुर्ग भी साथ में रहते थे. तब किसी भी प्रकार की कोई समस्या आती थी तो सभी साथ बैठकर उसका समाधान खोजते थे. इससे हर रिश्ते में गुंजाइश होती थी. लेकिन, अब एकल परिवार हैं. इसलिए, लोगों को एक दूसरे का पक्ष स्वीकार करने में कठिनाई होती है. इससे रिश्तों में दरार पड़ जाती है.
घर के बड़े और बुजुर्ग ऐसी दरार पाटने में पुल का काम करते थे. लेकिन, अब ऐसा नहीं है. ऐसी स्थिति में जब परिवार के लोग आपस में झगड़ा करते थे तो बुजुर्ग उन्हें समझाकर शांत करा देते थे. अब एकल परिवार में ऐसा नहीं होता है और इसी वजह से अपराध घटित होने की संभावना बढ़ जाती है. समाज में नशे की प्रवत्ति बढ़ी है. इससे भी ऐसे अपराध बढ़े हैं. वहीं, फाइनेंस लालच में लोग अपनों की जान के दुश्मन बन रहे हैं. इसके साथ ही जिन परिवार में फिजिकल एब्यूज की अधिक शिकायत हैं. उन परिवारों में भी ऐसे नृसंस अपराध की संभावना बढ़ जाती है.
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SSP प्रभाकर चौधरी ने बताया कि हत्या के साथ ही लूट के मामलों में भी ज्यादातर करीबी और अपनों ने मुखबिरी की है. हाल ही में पूर्व कर्मचारी ने 40 लाख रुपये की डकैती कराई थी. इसमें कारगिल शहीद के घर लूट में पुत्रवधू भी शामिल थी. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आज सामाजिक अपराध बढ़ रहे हैं. लोगों को रिश्तों की अहमियत समझनी होगी. इसलिए, बचपन से ही सामाजिक मूल्यों पर जोर देने की जरूरत है.
सामाजिक अपराध के सनसनीखेज मामले
आगरा में 21 मई 2022 को प्रीति हत्याकांड (Preeti massacre in Agra) हुआ था. उपेंद्र सिंह ने अपनी प्रेमिका मोनिका और उसकी सहेली पल्लवी की मदद से पत्नी प्रीति की निर्मम हत्या की थी. 21 जून 2022 को फैशन ब्लॉगर रितिका सिंह की हत्या (Ritika Singh murdered in agra) उसके पति आकाश गौतम और उसके दोस्तों ने की थी. आरोपी आकाश गौतम ने पत्नी रितिका के हाथ पैर बांधे और अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से फेंक दिया था. 14 जुलाई 2022 को बिल्डर राजीव गुप्ता की हत्या (builder rajeev gupta murder in agra) मॉल में घुसकर पार्टनर और दोस्त अशोक तोमर ने की थी. हत्या प्रॉपर्टी के विवाद में हुई थी. वहीं, 5 अगस्त 2022 को भाजपा नेता टिंकू भार्गव ने अपने दोस्त चांदी व्यापारी नवीन वर्मा (Silver merchant Naveen Verma murdered in Agra) की सिर से धड़ अलग करके हत्या की थी. टिंकू भार्गव ने एकतरफा प्यार में दोस्त को मौत के घाट उतारा था.
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