आगराःआगरा की बेटी अनन्या शर्मा डिजिटल पेंटिंग की दुनिया में खूब धूम मचा रही है. अनन्या ने शौक में डिजिटल पेंटिंग करना शुरू किया था. अब इसी शौक से दुनिया में नई पहचान दिलाई है. अपनी थीम और थ्योरी बेस्ड डिजिटिल पेंटिंग से अनन्या को इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ऑफ एक्सीलेंट अवार्ड भी मिल चुका है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अनन्या शर्मा ने बताया कि उसकी डिजिटल पेंटिंग की थीम मशहूर मनोविज्ञानी कार्ल यंग की थ्योरी और लेखक रॉबर्ट ग्रीनी की बुक पर बेस्ड है.
चार साल में तय किया इंटरनेशन अवार्ड तक का सफर
डिजिटल पेंटिंग आर्टिस्ट अनन्या शर्मा ने बताया कि बात 2018 में इंस्टाग्राम पर एक डिजिटल पेंटिंग का एड देखा था. जिसे देखकर डिजिटल पेंटिंग करने की चाह हुई तो डिजिटल पेंटिंग का विज्ञापन करने वाले व्यक्ति से सपंर्क किया. इसके बाद डिजिटिल पेंटिंग के लिए जरूरी उपकरण खरीदे और तभी से शौकिया डिजिटल पेंटिंग करना शुरू कर दी.
अनन्या शर्मा, डिजिटल पेंटिंग आर्टिस्ट. थीम बेस्ड डिजिटल पेंटिंग पर जोर
अनन्या शर्मा ने बताया कि उसकी डिजिटल पेंटिंग की थीम मशहूर मनोवैज्ञानी व मनोचिकित्सक कार्ल यंग की थ्योरी के साथ ही मशहूर लेखक रॉबर्ट ग्रीनी की बुक पर बेस्ड हैं. इंसान के लेयर्स पर उसने पेटिंग बनाई है. मनोवैज्ञानी कार्ल यंग की थ्योरी के मुताबिक इंसान बाहर से कुछ और अंदर से कुछ ओर होता है. डिजिटल पेंटिंग के क्षेत्र में जो युवा आना चाहते हैं, वे बुक्स पढें. इसके साथ ही नए-नए इनोवेशन करें.
जिस पेंटिंग से कमाए 26 लाख रुपये, उसी से मिला अवार्ड
अनन्या शर्मा ने बताया कि 'अप्रैल 2021 में एनएफटी के बारे में जाना. एनएफटी की एक टीम ने मुझे एप्रोच किया था. जो एनएफटी मार्केटिंग का काम करती है. उन्होंने मेरी डिजिटल पेंटिंग की मार्केटिंग की. इसके बाद फरवरी 2022 में डिजिटल पेंटिंग की इंटरनेशनल डिबेट में जब मैं शामिल हुई तो मेरी एक पेंटिंग ने तीन दिन में 26 लाख रुपये कमाए. इस पेंटिंग से मिली सफलता का दौर अभी भी जारी है. इसी डिजिटिल पेंटिंग से मुझे इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ऑफ एक्सीलेंट अवार्ड मिला है.
अनन्या को इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ऑफ एक्सीलेंट अवार्ड भी मिल चुका है. अनन्या ने लिखी दो बुक
अनन्या शर्मा ने बताया कि 'मैंने दो बुक भी लिखी है. पहली बुक का नाम ‘मून स्टोन’ है, जिसमें पुनर्जन्म की कहानी है. बुक की कहानी के मुताबिक, एक चित्रकार की पेंटिंग बनाते समय मृत्यु हो जाती है. जब वो दोबारा से जन्म लेती है. तो उसे पता चलता है कि उसकी बनाई पेंटिंग को अन्य चित्रकार ने अपने नाम से बेच दिया है. मेरी दूसरी बुक ‘एना फ्लोरेंस’ है. इसमें एक अमीर व्यक्ति जबरन एक चित्रकार से एक पेंटिंग बनवाता है. उस पेटिंग को अपनी बताता है. चित्रकार उसकी पोल न खोल दे, इसलिए अमीर व्यक्ति उसकी हत्या करा देता है.'
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बेटी के मुकाम से माता-पिता खुश
ट्रांस यमुना कॉलोनी फेस टू निवासी अनन्या शर्मा ने कॉमर्स की स्टूडेंट रही हैं. उनके पिता डॉ. डीपी शर्मा फिजिशियन और हॉस्पिटल संचालक हैं. मां सुवर्चा शर्मा और पिता डॉ. डीपी शर्मा दोनों ही बेटी अनन्या की उपलब्धि पर बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि बेटी ने अपनी मेहनत से यह मुकाम पाया है.