छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर दुर्ग : गांव के मैदान में युवाओं के साथ अकेले ही शुरू की प्रैक्टिस: छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव बोरीगारका की हिषा बघेल अब एक मिसाल के रूप में पहचानी जा रही हैं. Chhattisgarh first woman Agniveer गांव के स्कूल के बाद हिषा उतई महाविद्यालय में पहुंचकर सबसे पहले एनसीसी कैडेट बनीं. देश की सुरक्षा का प्रण लेकर सेना में जाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू की. मां सती बघेल ने बताया "मेरी छोटी बेटी हिषा गांव के ही मैदान में युवाओं के साथ अकेले ही दौड़ने का अभ्यास शुरू किया. सितंबर 2022 में नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत भर्ती के लिए आवेदन किया तो उसकी फिटनेस देखकर अधिकारियों ने चयन कर लिया." Agniveer Recruitment 2023
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पढ़ाई और कैंसर से जूझ रहे पिता के इलाज में बिकी जमीन और ऑटो: हिषा की मां यह भी बताती हैं कि "आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी हिषा के पिता संतोष बघेल ने बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. हिषा के पिता पिछले 12 सालों से कैंसर से जूझ रहे हैं. उनके इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए जमीन के साथ जीवन यापन करने वाला ऑटो भी बिक गया. अब हिषा अग्निवीर बन चुकी हैं तो बीमार पिता सहित परिवार के लोगों में खुशी की लहर है. "
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दूसरी लड़कियों के लिए हिषा बनीं मिसाल:भारतीय नौसेना में अग्निवीर योजना के तहत कुल 560 पदों पर महिलाओं की भर्ती होनी थी. पहले चरण में 200 महिलाओं का चयन किया गया, जिसमें हिषा बघेल का चयन छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर के रूप में मेरिट और फिजिकल टेस्ट के आधार पर हुआ है. हिषा की स्कूल शिक्षिका अनिमा चंद्राकर बताती हैं कि '' हिषा शुरू से ही पढ़ाई के साथ खेलकूद में आगे रही. हिषा की इस उपलब्धि को देखते हुए गांव की अन्य बच्चियों ने सेना में जाने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी है.''