नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 'नेशनल हेराल्ड' समाचार पत्र से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में उनसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पांच दिनों तक चली पूछताछ के दौरान एकजुटता प्रकट करने के लिए कांग्रेस के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को डराया-धमकाया नहीं जा सकता है. राहुल गांधी ने बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों एवं विधायकों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि ईडी की उनसे पूछताछ एक 'छोटा मामला' है क्योंकि आज बेरोजगारी और 'अग्निपथ' योजना सबसे जरूरी मुद्दे हैं.
राहुल गांधी ने ईडी द्वारा उनसे पूछताछ का उल्लेख करते हुए कहा कि वह जांच एजेंसी मुख्यालय के एक 12X12 के कमरे में तीन-चार अधिकारियों के साथ अकेले नहीं बैठे थे, बल्कि उनके साथ वहां कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता और वो सभी लोग थे, जो नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बिना डरे लड़ रहे हैं, लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं में धैर्य है और वो सच्चाई के साथ हैं.
उन्होंने कहा, 'मेरा मामला छोटा सा मामला है. सच कहूं तो यह जरूरी भी नहीं है. आज सबसे जरूरी बात रोजगार की है. लघु एवं मध्यम उद्योग देश की रीढ़ की हड्डी हैं. नरेंद्र मोदी जी ने इस रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया है. यह बात मैं महीनों से कह रहा हूं.' उन्होंने सेना में अल्पकालिक भर्ती की नई अग्निपथ योजना को देश एवं सेना के साथ मोदी सरकार का नया धोखा और सेना को कमजोर करने वाला कदम करार देते हुए बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानूनों की तरह इस योजना को वापस लेना पड़ेगा. राहुल गांधी ने दावा किया, 'जो हमारे युवा सेना में भर्ती के लिए रोज सुबह दौड़ते हैं, उनसे मैं कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री ने देश की रीढ़ की हड्डी को तोड़ दिया और यह देश अब रोजगार नहीं दे पाएगा.' उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को दो-तीन उद्योगपतियों के हवाले कर दिया है.