नई दिल्ली :कांग्रेस ने सवाल किया है कि ईडी विपक्षी नेताओं के पास तो जाती है लेकिन भगोड़े कारोबारी जतिन मेहता के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. बता दें कि जतिन मेहता भारतीय बैंकों के 7 हजार करोड़ रुपये ठगने के बाद देश छोड़कर फरार हो गया. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Congress spokesperson Supriya Shrinate) ने बुधवार को कहा कि ईडी विपक्षी नेताओं के पास जाती है लेकिन विनसम डायमंड्स के मालिक जतिन मेहता के मामले में ऐसा नहीं देखा गया है, जो भारतीय बैंकों के 7000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर भाग गया. इस बारे में बैंकों ने पहली बार 2014 में धोखाधड़ी की शिकायत की थी लेकिन सीबीआई ने 2017 में प्राथमिकी दर्ज की. लेकिन तब से लेकर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि जतिन मेहता अपनी पत्नी के साथ 2016 में कैरेबियन में सेंट किट्स के नागरिक बन गए और उनका प्रत्यर्पण संभव नहीं है क्योंकि भारत की उस देश के साथ कोई संधि नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहाकि सेंट किट्स की नागरिकता प्राप्त करने से पले जतिन मेहता और उनकी पत्नी को सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र किसने दिया था? लोगों के पैसे का क्या जो उन्होंने हड़प लिया?जतिन मेहता को कौन बचा रहा है? भारतीय कानून की ताकत उसका पीछा क्यों नहीं कर रही है? आदि.
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जतिन मेहता का बचाव किया जा रहा है क्योंकि वह गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी से संबंधित हैं, जो पीएम मोदी के मित्र हैं. उन्होंने कहा कि जतिन मेहता की बेटी की शादी गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी के बेटे से हुई है. अंतरराष्ट्रीय बैंक ब्रिटेन के द्वारा जतिन मेहता द्वारा की गई धोखाधड़ी की जांच की जा रही है, लेकिन भारत में भगोड़े के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. भगोड़े के तौर-तरीकों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'मेहता ने सार्वजनिक बैंकों से साख पत्र प्राप्त किए और उसका इस्तेमाल सोने के आयात के लिए किया. इसके बाद उन्होंने आयातित सोने का इस्तेमाल गहने बनाने के लिए किया और दुबई में 13 कंपनियों को निर्यात किया.