अमृतसर : अगरबत्ती बनाने वाली मशहूर कंपनी बेअदबी के एक मामले में घिरती नजर आ रही है. दरअसल चंडीगढ़ की इस कंपनी ने अपने प्रोडक्ट के साथ उपभोक्ताओं को हिंदी में प्रकाशित जपजी साहब की पवित्र गुरबाणी का गुटका साहिब का वितरण कर दिया. कंपनी के इस कदम पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ( SGPC) ने आपत्ति जताई है. एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिन्दर सिंह धामी ने मामला सामने आने पर धर्म प्रचार समिति के धार्मिक पड़ताल विभाग को जांच करने के आदेश जारी किए हैं. एसजीपीसी का कहना है कि गुरुओं से संबंधिति किसी धर्मग्रन्थ का कमर्शल एडवरटाइजमेंट के मकसद से उपयोग नहीं हो सकता है. एडवोकेट धामी ने कहा कि गुरबाणी का कारोबारी लाभ के लिए इस्तेमाल को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. जांच के बाद संबंधित फर्म के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
अगरबत्ती निर्माता ने हिंदी में छाप दी जपजी साहब की पवित्र गुरबाणी, एसजीपीसी नाराज
पंजाब की परफ्यूम वाली अगरबत्ती बनाने वाली एक मशहूर कंपनी जपजी साहब की पवित्र गुरबाणी का गुटका साहिब हिंदी में छापकर विवादों में आ गई है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस पर आपत्ति जताई है. एसजीपीसी की एक कमेटी ने इसकी जांच शुरू हो गई है.
एसजीपीसी को मिली थी शिकायत :शिरोमणी समिति के मीडिया सचिव कुलविंदर सिंह रामदास ने बताया कि एक व्यक्ति ने कंपनी के बारे में जानकारी शिरोमणि अकाली दल प्रबंधन समिति को दी थी. समिति के प्रधान एडवोकेट हरजिन्दर सिंह धामी ने पड़ताल करवाने के आदेश जारी किए हैं. यह कंपनी चंडीगढ़ की है. इस कंपनी की तरफ से जपजी साहब के गुटका साहब हिंदी में छापकर प्रचार किया जा रहा है. जानकारी अनुसार यह कंपनी अगरबत्तियों के डिब्बों में गुटका साहब पैक कर कर भी भेज रही है. इस कारण यह मामला बेहद गंभीर हो गया है. कंपनी के इस कदम से संगतों की भावनाओं को ठेस पहुंची. कारोबारी उद्देश्य के लिए गुरबानी का उपयोग उसकी बेअदबी है. जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट मिलने पर शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति इस मामले में कार्रवाई करेगी.