नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बाद जम्मू कश्मीर में धर्मांतरण का मुद्दा गर्मा गया है. शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा इस मुद्दे पर कश्मीर में इसके खिलाफ कानून लाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के कुछ मामलों को देखकर बीजेपी नेता भी अब इस पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. देखा जाए तो लव जिहाद के विरोध का मुद्दा पहले भारतीय जनता पार्टी के मुख्य एजेंडे में शामिल था, लेकिन जैसे ही इस मुद्दे को शिरोमणि अकाली दल ने उठाना शुरू किया बीजेपी के ऐसा लगा कि कहीं यह मुद्दा पार्टी के हाथ से ना निकल जाए और बिना देरी किए इसके विरोध में शामिल हो गए.
कहीं ना कहीं ये मुद्दा सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को भी राजनैतिक रूप से सूट कर रहा है और अंदरखाने इस बवाल को हवा देने में पार्टी का भी समर्थन साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है. हालांकि, उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण का रैकेट जो सामने आया है उसकी जांच एटीएस कर रही है और उसमें कई मामले आतंकी गतिविधियों से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं. जांच एजेंसियों को धर्मांतरण रैकेट की आतंकी संगठनों से जुड़े होने के प्रमाण भी मिल रहे हैं. यही नहीं इन जांच एजेंसियों को विदेशी फंडिंग और टेरर फंडिंग के भी सबूत हाथ लगे हैं और जांच में यह भी बात सामने आई है कि इस रैकेट में देश विरोधी गतिविधियां भी शामिल थीं.
एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी के कई नेता भी धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और आने वाले संसद सत्र में यह मुद्दा जोर-शोर से उठने का अंदेशा है. वहीं, दूसरी तरफ पार्टी की पूर्व सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल के नेता और बीजेपी के जनप्रतिनिधि भी कश्मीर और पंजाब में भी धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग उठा रहे हैं. धीरे-धीरे पूरे देश में धर्मांतरण का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. सबसे पहले यह मामला भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश में सामने आया, जहां जांच एजेंसी एटीएस ने एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया. जिसमें एक संस्था द्वारा बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का कार्य चलाया जा रहा था.
यही नहीं जांच एजेंसियों को धर्मांतरण रैकेट के आतंकी संगठनों से भी जुड़े होने के प्रमाण मिल रहे हैं इसके अलावा जांच एजेंसियों को इस रैकेट के तार कई अन्य राज्यों से जुड़े होने के भी पुख्ता प्रमाण मिले हैं जिस पर जांच जारी है. इसके बाद ही यह बवाल धीरे-धीरे तब और भी बढ़ गया जब ऐसा ही मामला लव जिहाद के नाम पर सामने आया जिसमें सिख समुदाय का आरोप है कि 2 सिख लड़कियों को अगवा कर अधेड़ उम्र के व्यक्ति के साथ शादी कर दी गई और जबरन धर्मांतरण किया गया. उसके बाद सिख समुदाय ने इस पर विरोध प्रदर्शन किया जो जम्मू कश्मीर से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया.
शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन दोनों लड़कियों को छुड़ाकर उनके लालन-पालन का बीड़ा उठाया और इसके बाद से ही कश्मीर में सिख समुदाय की लड़कियों के जबरन धर्मांतरण का पर विरोध अभियान छेड़ दिया है और कश्मीर में भी धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि विपक्षी पार्टियों का आरोप यह भी है कि बीजेपी और शिवसेना मिलकर पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए ही इस मुद्दे को तूल दे रही है और यही वजह है कि पंजाब के नेता कश्मीर में जाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
वही, ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सिख नेता आरपी सिंह का कहना है कि जम्मू कश्मीर में 2 लड़कियों के जबरन धर्मांतरण और उनका मुस्लिम समुदाय के शादीशुदा अधेड़ से जबरन विवाह कराकर उनका धर्मांतरण किया जाना इस बात का पुख्ता प्रमाण है कि लव जिहाद की घटनाएं गलत नहीं है और ऐसी घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं. उन्होंने यह दावा किया कि पंजाब में भी पिछले 10 साल से ईसाई मिशनरियां काफी सक्रिय हो गई हैं और धीरे-धीरे वहां बड़ी संख्या में नए चर्च बनाएं जा रहे हैं.