प्रयागराज:बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी साल 2005 की दोपहर बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बाहुबली अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर हत्या का आरोप लगा था. राजू पाल हत्याकांड को लेकर कई बार मुख्य गवाह की हमेशा चर्चा होती रही है. आइए जानते हैं कि मुख्य गवाह कौन हैं. इन दिनों उनको अपनी जान का खतरा क्यों सता रहा है.
जिस समय बसपा विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी, उस समय उनकी गाड़ी में रुखसाना नाम की महिला भी थी. उनके राजू पाल के साथ पारिवारिक संबंध थे. रुखसाना आज भी 18 साल बीत जाने के बाद उस मंजर को भूल नहीं पा रही हैं और अब उमेश पाल का मर्डर होने के बाद रुखसाना और उनके पति मो. सादिक को भी अपनी जान का डर सता रहा है. हालांकि, सादिक-रुखसाना गवाही देना चाहते हैं, ताकि राजू पाल के हत्यारों को सजा मिल सके.
उमेश के बाद पति-पत्नी को सता रहा जान का खतराःप्रयागराज के करेलाबाग के बक्शी मोड़ा के पास रहने वाले सादिक रुखसाना पिछले 18 साल से राजू पाल हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए लड़ रहे हैं. साल 2005 में हुई हत्या कि वक्त विधायक राजू पाल गाड़ी चला रहे थे और बगल की सीट पर रुखसाना बैठी थी. जब विधायक को अपराधियों ने गोली मारी तो दो गोली रुखसाना को भी लगी थी. लेकिन, रुखसाना की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गई. घटना के 18 साल बीत जाने के बाद भी रुखसाना उस मंजर को भूल नहीं पाती हैं.
रुखसाना कहती हैं कि उस दिन इतनी गोलियां चली थीं कि चारों तरफ गोलियों की आवाज गूंज रही थी. बीच सड़क पर 24 फरवरी 2023 को जब उमेश पाल की हत्या हुई तो पति पत्नी को भी अपनी सुरक्षा को लेकर डर सताने लगा है. रुखसाना कहती हैं कि कई बार उन लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है और अपने कई शूटर के जरिए हम लोग को दूसरे केस में फंसाने की कोशिश भी की. रुखसाना उमेश पाल की हत्या होने के बाद अपने और अपने परिवार के जान का खतरा मान रही हैं. उन्होंने यूपी के सीएम से परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग भी की है.