श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में एक स्थानीय समाचार पत्र के लिए काम करने वाले पांच पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर आतंकी धमकी मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया है. आतंकवादियों ने हाल ही में एक दर्जन से अधिक पत्रकारों की सूची जारी की जिन पर सुरक्षा एजेंसियों के लिए काम करने का आरोप लगाया गया था. सूची में नामों में स्थानीय समाचार पत्रों के दो संपादक शामिल हैं.
मंगलवार को इस्तीफा देने वाले पांच पत्रकारों में से तीन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपना इस्तीफा प्रकाशित किया. इन पत्रकारों में जहांगीर सोफी, इश्तियाक सिबतैन जू और याकूब अली शामिल हैं, ये 'राइजिंग कश्मीर' के काम करते थे. इनके साथ 'राइजिंग कश्मीर' के अकाउंट्स मैनेजर शहरयार बुखारी ने अपने इस्तीफे को अपने सोशल मीडिया पर साझा किया है.
पुलिस के मुताबिक, इन धमकियों के पीछे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का हाथ है. पुलिस ने कहा, धमकियों की सामग्री आतंकवादियों और राष्ट्र-विरोधी तत्वों के इरादे को दर्शाती है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से भ्रष्ट कहकर और सीधे धमकी देकर लोगों, विशेष रूप से मीडियाकर्मियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है. पुलिस ने कहा कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और लगभग एक दर्जन संदिग्धों को उठाया गया है, जिनसे पूछताछ की जा ही है.
बता दें, 14 जून, 2018 को कश्मीरी पत्रकार शुजात बुखारी की श्रीनगर में उनके कार्यालय के पास हत्या कर दी गई थी. चार साल बाद, उनके स्थापित समाचार पत्र 'राइजिंग कश्मीर' से जुड़े कम से कम चार पत्रकारों ने इस्तीफा दे दिया है. आतंकवादियों ने करीब 21 पत्रकारों की एक सूची कथित रूप से जारी की थी, उन पर सुरक्षा एजेंसियों के लिए काम करने का आरोप लगाया था. सोशल मीडिया पर असत्यापित उपयोगकर्ताओं द्वारा पत्रकारों के खिलाफ प्रसारित की गई धमकियों ने कश्मीर में मीडिया बिरादरी में दहशत पैदा कर दी. इसके अलावा, राइजिंग कश्मीर के एडिटर-इन-चीफ हाफिज अयाज गनी, ग्रेटर कश्मीर के एडिटर-इन-चीफ फयाज कालू और एएनएन न्यूज के सीईओ और एमडी तारिक भट का नाम भी सूची में शामिल है.
टीआरएफ के खिलाफ मामला दर्ज
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो इस क्षेत्र में पत्रकारों को धमकी दे रहा है. श्रीनगर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि शेरगड़ी पुलिस थाने में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 13 यूएपीए, 505, 153 बी, 124 ए और 506 शामिल हैं. इस बीच, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कश्मीर में काम करने वाले पत्रकारों को पूर्ण सहयोग और सुरक्षा का आश्वासन दिया और कहा कि पत्रकारों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें हर हाल में इस तरह की धमकियों से बचाया जाएगा.
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