कोलकाता: सिंगुर पर मध्यस्थ न्यायाधिकरण के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को टाटा समूह को मुआवजे के रूप में 765.78 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहने के बाद, सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया है. उस मुआवजे के अलावा राज्य को 1 सितंबर 2016 से 11 फीसदी ब्याज भी देना होगा.
इसके अलावा, मामले की लागत के लिए 1 करोड़ रुपये टाटा समूह को दिए जाने हैं. कुल मिलाकर करीब 2 हजार करोड़ रुपये चुकाने होंगे. ऐसे में हर किसी को फैसले पर पश्चिम बंगाल सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार था. पश्चिम बंगाल सरकार के लिए उच्च न्यायालयों में अपील करने का अवसर है. इस मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में अपील की गुंजाइश है.
नतीजतन, सोमवार के फैसले पर एक बार फिर लंबी कानूनी लड़ाई चल सकती है. राज्य सचिवालय नबान्न के सूत्रों के मुताबिक, फैसले के बाद राज्य पूरे मामले में कानूनी राह पर चलना चाहता है. राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने पहले ही विभिन्न कानूनी विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा शुरू कर दी है. पता चला है कि राज्य फैसले को चुनौती देगा.