रांची: झारखंड हाई कोर्ट के आदेश से सोमवार 12 सितंबर को एक प्रेमी और प्रेमिका का मिलन (Lovers can live together on order of HC) हुआ. अदालत से ही दोनों एक साथ राजी खुशी घर गए. कोर्ट ने स्थानीय थानेदार को दोनों को सुरक्षा देने का भी निर्देश दिया है. कहा कि दोनों को साथ रहने में अगर कोई कठिनाई हो तो उसे सुरक्षा दें. अदालत ने मामले में लड़का, लड़की और लड़की के पिता के पक्ष को सुनने के उपरांत दोनों को साथ रहने की अनुमति प्रदान की है. कोर्ट ने यह माना कि दोनों बालिग हैं, इसलिए यह एक साथ रहने का निर्णय ले सकते हैं. इसे रोकना गलत होगा. (High Court ordered loving couple to live together)
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में गुमला निवासी प्रताप एक्का की याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने यह सुनवाई अपने चेंबर में की. सुनवाई के दौरान लड़का लड़की और लड़की के पिता उपस्थित हुए. अदालत में सुनवाई के दौरान युवक ने कहा कि वे अपनी प्रेमिका के साथ रहना चाहते हैं. उनकी प्रेमिका भी उनकी साथ रहना चाहती है. दोनों बालिग हैं. इसलिए उसे साथ रहने की अनुमति दी जाए. लड़की ने भी अदालत को यह आश्वस्त किया कि वह लड़का के साथ रहना चाहती है. वह अपने पिता के घर रहना नहीं चाहती है. जबकि लड़की के पिता ने अदालत को बताया कि परिवार वाले को यह पसंद नहीं है.
प्यार को पाने के लिए हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगाई गुहार, मिली साथ रहने की इजाजत
झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर रांची के एक प्रेमी प्रेमिका का मिलन (Lovers can live together on order of HC) हुआ. कोर्ट ने दोनों को साथ रहने का आदेश दिया है, साथ ही जगन्नाथपुर थाना इंचार्ज को निर्देश देते हुए कहा कि दोनों को साथ रहने में किसी प्रकार की अगर कोई व्यवधान होती है तो इन्हें सुरक्षा दी जाए. (High Court ordered loving couple to live together)
अदालत ने सुनवाई के उपरांत यह माना कि दोनों बालिग हैं इसलिए एक साथ रहने का निर्णय ले सकते हैं. अदालत ने उन्हें एक साथ रहने की अनुमति दी. युवक ने अदालत से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई. अदालत ने जगन्नाथपुर थाना इंचार्ज को निर्देश देते हुए कहा कि दोनों को साथ रहने में किसी प्रकार की अगर कोई व्यवधान होती है तो इन्हें सुरक्षा दी जाए. यह कहते हुए युगल पीठ ने याचिका को निष्पादित कर दिया.
प्रताप एक्का ने झारखंड हाईकोर्ट में हैवियस कार्पस दायर कर कहा था कि वह अपनी प्रेमिका के साथ रहना चाहता है और उससे शादी करना चाहता है. लेकिन युवती के घर वाले राजी नहीं है. युवती के परिवार वालों ने उसे जबर्दस्ती अपने घर में रखा है और उससे मिलने नहीं देते हैं. साथ ही उससे मोबाइल पर बात नहीं करने देते हैं. दोनों बालिग हैं और दोनों को कानूनी अधिकार है कि वह अपने मनपसंद इंसान के साथ रहकर जीवन यापन कर सकते हैं. बता दें कि पूर्व में जनवरी 2022 में प्रताप एक्का की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में इसी मामले को लेकर है याचिका दाखिल की गई थी. हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट पुनर्विचार करने को कहा था.
एक सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रताप एक्का, युवती और उसके पिता को चेंबर में उपस्थित होने को कहा था. जिसके बाद सोमवार को ये तीनों कोर्ट के चेंबर में उपस्थित हुए थे.