नई दिल्ली :बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि कर्रा ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ एकीकृत करने की पहल की थी, जबकि सरदार पटेल ने ऐसा न होने देने की पूरी कोशिश की. भाजपा ने इसे सरदार पटेल का अपमान बताया और कर्रा के बयान को 'पाप' करार दिया था.
इस पर तारिक हामिद कर्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि उन्हें कैसे पता चला? क्या उन्होंने दरवाजे या खिड़कियों पर कान लगाए? बीजेपी मुद्दों से बेहाल हो गई है इसलिए वे एक मुद्दा बनाना चाहते हैं. वे सभी मोर्चों पर फेल हैं, इसलिए एक नया शिगूफा छोड़ा जा रहा है.
पात्रा ने आरोप लगाया कि कर्रा ने सीडब्ल्यूसी में कहा कि पटेल ने जिन्ना के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर को भारत से दूर रखने की साजिश रची थी. इस पर कर्रा ने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति को कम आंकना अलग है, मैंने जिन्ना का नाम भी नहीं लिया. मैं इसके लिए उन्हें चुनौती देता हूं.
मैंने बस इतना कहा कि विभाजन के समय जब जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ मुस्लिम बहुल राज्य होने के कारण विवाद का केंद्र बन गए लेकिन कश्मीर गैर-मुस्लिम शासक राज्य था. इसलिए पटेल जी ने नेहरू जी को सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर के बदले जूनागढ़ और हैदराबाद पर बातचीत की जा सकती है तो उन्होंने इनकार कर दिया.
उन्होंने आगे कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भारत, पाकिस्तान की तरह एक लोकतांत्रिक राज्य बने. नेहरू जी ने कहा कि वह एक समावेशी, बहुलवादी भारत चाहते हैं. इसलिए उनका उस पर एक समझौता था और यह सरदार पटेल जी थे जिनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर को भारत में मिला लिया गया.