दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

India Exports: बासमती चावल व दार्जिलिंग चाय के बाद इन भारतीय उत्पादों की विश्व बाजार में पैठ - कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण

भौगोलिक पहचान टैग (geographic identification tag) की मदद से भारत अपने कृषि निर्यात को बढ़ावा (boost agricultural exports) देने के लिए काम कर रहा है. जो कि स्कॉच व्हिस्की, दार्जिलिंग चाय या बासमती चावल जैसे मूल स्थान के उत्पादों को एक विशिष्ट पहचान देते हैं. दार्जिलिंग चाय और भारतीय बासमती चावल दुनिया भर में फेमस है. सरकार इसी की तर्ज पर भारतीय फलों और मसालों की पहचान, निर्यात बाजार में स्थापित करने के लिए काम कर रही है.

Symbolic photo
प्रतीकात्मक फोटो

By

Published : Mar 18, 2022, 9:02 PM IST

नई दिल्ली:बासमती चावल व दार्जिलिंग चाय के बाद बिहार की शाही लीची, किंग मिर्च (नागा मिर्च), मणिपुर और बेंगलुरू के उत्पादों के अलावा, ब्लैक राइस, कर्नाटक का गुलाब प्याज जैसे भारतीय उत्पादों की विश्व बाजार में पैठ बढ़ रही है.

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Export Development Authority), जिसे 1986 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से प्रसंस्कृत और ताजा खाद्य और कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था. यह विदेशों में भारतीय मिशनों के माध्यम से खरीदारों और विक्रेताओं की आभासी बैठक आयोजित कर रहा है. इन भौगोलिक पहचान टैगों (geographic identification tag) को एक प्रकार की बौद्धिक संपदा माना जाता है, जो मूल स्थान के कारण या किसी विशेष तरीके से तैयारी की वजह से अद्वितीय माने जाते हैं.

महाराष्ट्र में इन जीआई टैग उत्पादों में सांगली, नागपुर ऑरेंज, दहानु घोलवाड़ चीकू, मराठवाड़ा केसर आम और जलगांव केले से लेकर अंगूर और किशमिश शामिल हैं. इसी तरह भारत वैश्विक बाजार में ओडिशा से जीआई टैग कंधमाल हल्दी और कर्नाटक के बेंगलुरू से गुलाब प्याज, इलाहाबाद से सुरखा अमरूद और उत्तर प्रदेश से काला चावल, तमिलनाडु से मदुरै मल्ली आदि फेमस हैं. बिहार के मामले में एपीडा (APEDA) राज्य से जरदालू आम और मुजफ्फरपुर से शाही लीची को विश्व बाजार में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है.

जीआई ने उत्तर-पूर्व के उत्पादों को टैग किया
सरकार, विश्व बाजार में उत्तर-पूर्वी राज्यों से जीआई टैग किए गए कृषि उत्पादों जैसे मणिपुर ब्लैक राइस (चक-हाओ) और मणिपुर कचई लेमन, मिजो चिली, अरुणाचल ऑरेंज को बाजार में बहुत जोर दे रही है. महाराष्ट्र से नागपुर ऑरेंज और मेघालय खासी मंदारिन, असम काजी नेमू, कारबिक, आंगलोंग जिंजर, जोहा राइस और त्रिपुरा क्वीन पाइनएप्पल शामिल हैं. भारत विदेशों में इन उत्पादों की ब्रांड छवि बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि उनके पास तैयार बाजार हो.

विश्व बाजार में पैठ बनाना
पिछले साल जीआई टैग किए गए उत्पादों के उल्लेखनीय शिपमेंट में नागालैंड से यूनाइटेड किंगडम को नागा मिर्च (किंग चिली) का निर्यात और मणिपुर और असम से काला चावल का निर्यात भी शामिल था. भारत ने पिछले साल ब्रिटेन और इटली को असम नींबू का निर्यात भी किया था. इसी तरह पश्चिम बंगाल से जीआई टैग वाली आम की तीन किस्में (फाजली, खिरसापति और लक्ष्मणभोग) सहित बिहार से एक जीआई किस्म के आम (जरदालु) को मध्य पूर्व में बहरीन और कतर भेजा गया.

यह भी पढ़ें- जनवरी में औद्योगिक उत्पादन 1.3 फीसद बढ़ा : सरकारी आंकड़े

भारत ने कोलकाता हवाई अड्डे से बहरीन के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले की एक मिठाई जॉयनगर मोआ का नमूना शिपमेंट भी भेजा था. नमूने की शिपमेंट के बाद भारतीय किसानों को बहरीन से ऑर्डर मिले हैं. बिहार से जीआई-टैग उत्पादों के निर्यात पर प्रमुख जोर देते हुए मई 2021 में मुजफ्फरपुर जिले से लंदन के लिए 524 किलोग्राम जीआई टैग वाली शाही लीची की पहली खेप का निर्यात किया गया था. इसी तरह देश ने पिछले साल आंध्र प्रदेश से दक्षिण कोरिया को जीआई टैग वाले बनगनपल्ले आम का निर्यात किया था. जिनकी मांग अब बढ़ने लगी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details