नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी और आप द्वारा आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने के सैद्धांतिक निर्णय के बाद कांग्रेस ने अपने कुछ धुरंधरों को सार्वजनिक रूप से क्षेत्रीय पार्टी को निशाना बनाने से बचने की सलाह दी है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों की माने तो पिछले दो सप्ताह में पांच सदस्यीय कांग्रेस राष्ट्रीय गठबंधन समिति और आप प्रतिनिधियों के बीच दो दौर का परामर्श किया गया.
इस परामर्श के बाद कथित तौर पर दोनों दलों ने सैद्धांतिक रूप से आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने का फैसला किया, लेकिन इस बात पर सहमत हुए कि अंतिम सीट बंटवारे के फॉर्मूले को मजबूत करने के लिए परामर्श के एक और दौर की आवश्यकता है. सूत्रों ने बताया कि अब तक की चर्चा में पंजाब को शामिल नहीं किया गया है और आप दिल्ली के अलावा हरियाणा और गुजरात में भी सीटें मांग रही थी.
हालांकि आप के संस्थापक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पिछले साल से ही कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी से मिलने का समय मांग रहे थे, जब I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर चर्चा शुरू हुई थी. आखिरकार क्षेत्रीय नेता को यह मौका 13 जनवरी को दिया गया, इससे एक दिन पहले राहुल गांधी ने दिल्ली में मणिपुर से अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की थी.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राहुल, खड़गे और एआईसीसी संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने दोनों पार्टियों के बीच बनी सहमति की सराहना के प्रतीक के रूप में 13 जनवरी को केजरीवाल और आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा से मुलाकात की. हालांकि, समस्या यह थी कि दिल्ली और पंजाब दोनों राज्यों में कांग्रेस नेता सार्वजनिक रूप से AAP नेताओं की आलोचना कर रहे थे और संबंधित राज्य सरकारों के कार्यक्रमों और नीतियों का विरोध करने के लिए अभियान चला रहे थे और इस पर अंकुश लगाने की आवश्यकता थी.