दावणगेरे : एक नवजात शिशु जन्म के कुछ घंटे बाद ही महिला अस्पताल से चोरी हो गई थी. पुलिस ने सरकारी अस्पताल से चोरी हुए नवजात को ढूंढ़ निकाला और उसके मां के हवाले कर दिया है. उमेसलमा इस्माइल जबीउल्लाह की पहली डिलीवरी 16 मार्च 2022 को चामराजपेट के एक महिला और बच्चों के अस्पताल में हुई थी. जन्म के समय नवजात का वजन कम होने के कारण NICCU (Neonatal Intensive Child Care Unit) में शिफ्ट किया गया था. वहां से एक महिला चोर नवजात को उठाकर फरार हो गई थी. नवजात के चोरी होने की घटना सीसीटीवी में कैद हो गया था. बच्ची के माता-पिता ने अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी.
मीडिया में खबर फैलते और कर्नाटक पुलिस का शिकंजा कसता देख नवजात को चुराने वाली महिला डर गयी और दावणगेरे में ही स्थित सरकारी बस स्टैंड के पास के एक होटल में ठहरी एक बूढ़ी औरत को बच्चा सौंपकर वहां से फरार हो गई. हालांकि उस बुढ़ी महिला ने काफी देर तक उस बच्चे की देखभाल की परंतु वो औरत अर्थात तथाकथित नवजात की मां काफी देर हो जाने के बाद भी नहीं लौटी. उस महिला के लौटने में देरी या किसी अनहोनी की आशंका से उस बुढ़िया ने बच्ची को कर्नाटक पुलिस के हवाले कर दिया.
हालांकि बाद में कर्नाटक पुलिस ने बच्चा चोरी करने वाली महिला को भी ढूंढ़ कर गिरफ्तार कर लिया है. नवजात चोरी की आरोपी महिला का नाम गुलजार बानो है और दावनगेरे की ही रहने वाली है. गुलजार बानो की दो बेटियां थीं, बड़ी बेटी की कोई संतान नहीं है. उसने उसकी समस्या को हल करने के लिए अस्पताल से नवजात को चुराकर अपनी बेटी की गोद हरी करनी चाही थी. परंतु पुलिस के कसते शिकंजा से घबराकर उसने उस नवजात को बस स्टैंड के पास एक बुढ़िया के हवाले कर भाग गयी थी. नवजात को मां को वापस सौंपने वाली कर्नाटक पुलिस की मुस्लिम नेताओं ने काफी प्रशंसा की है. साथ ही उन्होंने नवजात के लापता होने की कवरेज के लिए ईटीवी भारत को भी धन्यवाद दिया.