गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 के दायरे में बना रहेगा और इसे वापस लेने का निर्णय तभी लिया जाएगा जब मौजूदा शांति लंबे समय तक बनी रहे.
उन्होंने आशंका व्यक्त की कि अगर असम से आफस्पा हटा लिया जाता है तो उग्रवादी समूह उसी के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं देंगे. सरमा ने हालांकि कहा कि अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति शांतिपूर्ण और अनुकूल हो तो कोई भी राज्य सरकार आफस्पा को जारी नहीं रखना चाहती है.
सरमा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'असम सरकार का मानना है कि अगर बाद में भी इस तरह की शांतिपूर्ण स्थिति बनी रहती है तो हम फैसला कर पाएंगे कि क्या हमें पूरे असम में आफस्पा की जरूरत है या सिर्फ कुछ हिस्सों में इसकी जरूरत है.' उन्होंने अरुणाचल प्रदेश का उदाहरण दिया, जिसने तीन जिलों को छोड़कर राज्य के कई हिस्सों से केंद्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श से अधिनियम को वापस लेने का फैसला किया.
उन्होंने कहा, 'आफस्पा हो या नहीं यह सरकार तय नहीं कर सकती. यह राज्य की समग्र स्थिति, कानून और व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर होगा. अब मान लीजिए कि मैं पीछे हट जाता हूं, तो क्या उग्रवादी संगठनों द्वारा इसी के अनुरूप बर्ताव किया जाएगा?'