नई दिल्ली :रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. वहीं रूसी हमले के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में यूक्रेन की सेना की मदद करने के लिए हथियारों और सैन्य उपकरणों के परिवहन के लिए पोलैंड के प्रमुख भूमिका में होने से नाराज रूस ने पोलैंड और बुलगारिया की प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बुधवार सुबह से रोक दी है. इस वजह से अमेरिका के सहयोगी पोलैंड के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में यूक्रेन की स्थिति अफगानिस्तान से काफी अलग है. हालांकि इसमें भी अमेरिका की मदद प्रमुख कारक है.
एजेंसियों ने पोलैंड और बुलगारिया के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि रूस ने यह कदम दोनों देशों द्वारा प्राकृतिक गैस के लिए रूबल में भुगतान करने से इनकार करने के बाद उठाया है. जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसके एवज में रूबल से भुगतान के लिए कहा था.
वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के द्वारा रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा किया जा रहा है. दूसरी तरफ रूस के द्वारा पोलैंड और बुल्गारिया की गैस की आपूर्ति को रोक दिया गया है. जबकि इस गैस की आपूर्ति से पोलैंड में 54 फीसद तो बुलगारिया में 75.2 फीसद गैस की आवश्यकताएं पूरी होती हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से बिजली और घरों में किया जाता है. इतना ही नहीं यूरोप में रूसी गैस के अन्य प्रमुख उपभोक्ताओं में चेकोस्लोवाकिया (100 फीसद) और जर्मनी (66 फीसद) शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि 24 फरवरी को यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से पोलैंड ने पहले ही यूक्रेन को 1.6 बिलियन डॉलर से अधिक के हथियारों की आपूर्ति की है. इतना ही नहीं यूक्रेन के प्रयासों में सहायता के लिए हर दिन 8-10 विमानों के हथियार, गोला-बारूद और सैन्य प्रणालियों को भी युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है. रूस इस बात से नाराज है कि यूक्रेन के साथ चल रही जंग में अन्य देशों से आने वाले हथियारों के लिए पोलैंड एक प्रमुख सेंटर प्वाइंट बन गया है. साथ ही पोलैंड के द्वारा यूक्रेन के सैन्य कर्मियों और अन्य देशों के लड़ाकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
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यूक्रेन में अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध प्रयासों में मदद करने में पोलैंड की स्थिति काफी हद तक पाकिस्तान के समान होती जा रही है. जिसमें पाकिस्तान में अपने ठिकानों, रसद और सुविधाओं के माध्यम से अमेरिका के द्वारा अफगानिस्तान में संचालन किया जाता था. अब तक, अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों का एक बड़ा जखीरा दिया है.
इसके अलावा 184,000 राउंड के साथ 90 एम-777 हॉवित्जर तोप के साथ ही इसको ले जाने वाले सामरिक वाहन सहित 121 से अधिक यूक्रेन को फीनिक्स घोस्ट ड्रोन (Phoenix Ghost Drone) दिए हैं. साथ ही यूक्रेन को मानव रहित तटीय रक्षा जहाज, एएन / टीपीक्यू -36 काउंटर आर्टिलरी रडार, एएन / एमपीक्यू भी प्रदान किया गया है. इतना ही नहीं यूक्रेन को 64 सेंटिनल एयर सर्विलांस सिस्टम, जेवलिन मिसाइल, एंटी-आर्मर सिस्टम, स्विचब्लेड ड्रोन, M113 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर, और 16 Mi-17 हेलीकॉप्टर के अलावा बॉडी आर्मर, ऑप्टिक्स और लेजर रेंज फाइंडर, विस्फोटक की आपूर्ति की जा चुकी है.
बताया जा रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे जंग के दौरान अब तक कुल 50 मिलियन से अधिक राउंड का गोला-बारूद का उपयोग किया जा चुका है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में मंगलवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब लगभग 40 देशों की एक नई इकाई जिसे यूक्रेन रक्षा सलाहकार समूह (यूडीसीजी) कहा जाता है, ने जर्मनी के रास्टीन हवाई अड्डे पर रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक के बाद इसे स्थापित किया. इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि यूडीसीजी यूक्रेन की सुरक्षा के लिए विचार-विमर्श के लिए हर महीने बैठक करेगा और यूक्रेन युद्ध के प्रयास के लिए समन्वय निकाय, ईयूसीओएम (यूनाइटेड स्टेट्स यूरोपियन कमांड) का मार्गदर्शन करेगा.
इसी क्रम में नए निकाय की घोषणा करते हुए अमेरिकी रक्षा सचिव, लॉयड जे. ऑस्टिन ने मंगलवार को कहा था कि आज की सभा यूक्रेन की आत्मरक्षा पर एक मासिक संपर्क समूह बन जाएगी और संपर्क समूह हमारे अच्छे इरादों वाले राष्ट्रों के लिए हमारे प्रयास करें और हमारी सहायता का समन्वय करें. उन्होंने कहा था कि आज की लड़ाई और आने वाले संघर्षों को जीतने पर ध्यान केंद्रित करें. बैठक में जर्मनी ने यूक्रेन, ब्रिटेन के लिए 50 'चीता' एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम देने की घोषणा करते हुए अतिरिक्त एंटी-एयरक्राफ्ट क्षमताओं की घोषणा की. वहीं कनाडा ने कहा कि यह पोलैंड के साथ यूक्रेन को बख्तरबंद वाहन भेजेगा.