हाथरस : अफगानिस्तान (Afghanistan) में हो रही हिंसा और तालीबान (Taliban) के कब्जे ने जहां कई देशों की नींद उड़ा रखी है. वहीं, जिले की हींग (Asafoetida) की महक भी उड़ने लगी है. कारोबारियों का कहना है कि अफगानिस्तान में पैदा हुए हालात के चलते हींग के दाम बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. क्योंकि हींग बनाने के लिए कच्चा माल अफगानिस्तान से ही आता है.
बता दें कि हींग कारोबार (Asafoetida Business) हाथरस जिले में 'एक जिला एक उत्पाद' में भी शामिल है. हाथरस में बनी हींग विदेशों तक खाने में अपना जायका बिखेरती है, वह भी चुटकी भर. यहां बनी हींग के लिए दूध (रेजीन) अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, कजाकिस्तान, ईराक आदि देशों से आता है. जिसे खाने लायक हाथरस में बनाने का काम होता है. हाथरस में बनी हुई हींग जहां देश के कोने-कोने में जाती है, वहीं विदेशों में भी इसका तड़का लगता है. जिले में हींग की करीब 15 बड़ी फैक्ट्री हैं. इसके अलावा कुटीर उद्योग के रूप में भी इसे बनाने का काम होता है. इस कारोबार से करीब ढाई हजार मजदूर जुड़े हुए हैं. जिले में हींग कारोबार का टर्नओवर 50 करोड़ से अधिक का बताया जाता है.
कारोबारी राजेश अग्रवाल बताते हैं कि अफगानिस्तान की स्थिति का प्रभाव हींग कारोबार करने वालों पर खासा पड़ा है. वहां से हींग का आयात हम लोग नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से हमें बहुत दिक्कतें आ रही हैं. हींग की कीमतों में 10 से 15 फीसदी का उछाल आ चुका है, जल्दी ही और बढ़ने की संभावना है. यदि महीने, डेढ़ महीने तक यही स्थिति बनी रहीं, कच्चा माल नहीं आया तो हम लोगों का काम ठप हो सकता है.