नई दिल्ली :आगामी इंट्रा-अफगान वार्ता, 16 अप्रैल को आयोजित होने की संभावना है. भारत के लिए अफगान राजनयिक फरीद मामुंजे ने ईटीवी भारत को दिए एक विशेष साक्षात्कार में अफगानिस्तान में वर्तमान परिदृश्य के बारे में बात की. साथ ही शांति वार्ता से अफगान से क्या उम्मीदें हैं, इस पर भी बात की है.
मामुंजे ने कहा कि हिंसा और उग्रवाद जो आज अफगानिस्तान में है, वह गृह युद्ध नहीं है. हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ रहे हैं और इसके लिए धन और संसाधनों के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. यदि हम भविष्य को देखें, तो हमें मजबूत समर्थन की जरूरत है. संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे प्रमुख सहयोगी हमारी सुरक्षा, रक्षा बलों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में मदद करने के लिए है.
प्रभावी ढंग से निपटने की जरूरत
फरीद ने कहा कि यह अफगानिस्तान या अफगान में लड़ रहे अफगानिस्तानियों का संघर्ष नहीं है. यूएनएससी की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि वे अंतरराष्ट्रीय लड़ाके हैं. अफगानिस्तान में विदेशी लड़ाकों की जेलें इस क्षेत्र और पूरी दुनिया को चिंतित और परेशान करती हैं. हम 9/11 या मुंबई में हुए आतंकी हमले जैसे हमले नहीं चाहते हैं. भविष्य में होने वाले इन हमलों को रोकने के लिए हमें पूरी तरह से समर्थन की जरूरत है.
हिंसा का रास्ता छोड़ना ही होगा
यह पूछे जाने पर कि क्या अफगानिस्तान में चल रही हिंसा के समाधान की उम्मीद की जा सकती है. मामुंजे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा और रिजनल कंट्री (regional countries) के समर्थन को देखते हुए अगर वे हिंसा को छोड़ने के लिए तालिबान पर आवश्यक दबाव डालते हैं और वे हिंसा के रास्ते सत्ता में आने के विचार से से पीछे हट जाते हैं तो हां समाधान संभव है.