नई दिल्ली :भारत में पिछले चार साल से शरण लेकर रह रहे अब्दुल फतह कहते हैं कि वे उपचार के लिए भारत आए थे लेकिन उसके बाद यहीं रह गए. उनका मानना है कि अफगानिस्तान के लोग कभी भी तालीबान शासन को स्वीकार नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि आज अफगानिस्तान में जीवन सामान्य नहीं रह गया है और लोगों पर चीजें थोपी जा रही है. वह अपनी मर्जी से नहीं जी सकते हैं. लोगों को तालीबान के हिसाब से जीना पड़ेगा जिन्हें मानवाधिकारों की कोई कद्र नहीं है.
अब्दुल फतह को अशरफ गनी शासन या वहां के सुरक्षा बल से कोई शिकायत नहीं लेकिन फतह मानते हैं कि अफगानिस्तान के खिलाफ कोई बड़ी डील या साजिश हुई है जिसमें कई ऐसे देश शामिल हो सकते हैं जो अफगानिस्तान को खत्म करना चाहते थे.