मुंबई : रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के वकील ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि उनके मुवक्किल और बार्क के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पार्थो दासगुप्ता के बीच व्हाट्सऐप चैट दो घनिष्ठ दोस्तों के बीच की बातचीत है और इसका टीआरपी प्रकरण से कोई लेना-देना नहीं है.
गोस्वामी और रिपब्लिक चैनल की स्वामित्व कंपनी एआरजी आउटलाइर मीडिया के वकील अशोक मुंदारगी ने अदालत में यह बात कही.
वह अदालत के इस प्रश्न का जवाब दे रहे थे कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा टीआरपी घोटाले के सिलसिले में दायर किए गए आरोपपत्र में ठोस सबूत क्या है.
मुंदारगी ने कहा, सबसे बड़ा सबूत बातचीत है. लेकिन पूरी बातचीत को ध्यान से देखिए, क्योंकि पुलिस ने अपना मामला बनाने के लिए इस बातचीत को संदर्भ से परे हटकर लिया है.
उन्होंने गोस्वामी और दासगुप्ता के बीच की बातचीत का कुछ हिस्सा पढ़कर सुनाया और अदालत से कहा कि दोनों महज कुछ व्यक्तियों, बाजार ट्रेंड आदि की चर्चा कर थे.
वकील ने कहा, यह दो घनिष्ठ मित्रों के बीच की बातचीत है. इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है, कोई ऐसी सामग्री या एक भी ऐसा संदेश जो दर्शाता हो कि टीआरपी छेड़छाड़ पर चर्चा की गई हो. वे ऐसे विषयों पर बात कर रहे थे जो दो दोस्त संभवत: आम तौर पर चर्चा में करते हैं.
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ ने तब सवाल किया कि क्या ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने गोस्वामी की मदद करने के लिए रिपब्लिक टीवी के पक्ष में टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स) में छेड़छाड़ करने में मदद की.
इसपर मुंदारगी ने कहा कि यही पुलिस का मामला है, जिसे वह इस मामले में दो आरोपपत्रों में स्थापित नहीं कर पाई है.