भारत में महामारी का स्वरूप दिन प्रतिदिन विकराल होता जा रहा है. हमारे देश में एक के बाद एक जो संकट आ रहे हैं उन से बचने का उपाय क्या है? इसी प्रश्न के उत्तर को ढूँढने के लिये श्री पार्श्व पद्मावती शक्ति पीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी, तमिलनाडु की ओर से राष्ट्रसंत डॉ. श्री वसंत विजय जी महाराज के पावन सान्निध्य में १४ से २३ जुलाई २०२१ की कालावधि में श्री विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान किया जा रहा है. यह सिर्फ कलश नहीं है, बल्कि साक्षात माता महालक्ष्मी, कुबेर और देव धन्वन्तरी का आशीर्वाद है.
इस यज्ञ में ५००० से अधिक कलश अभिमंत्रित किये जाएंगे. इस कलश को घर पर स्थापित कर आप अपने घर में सुख, शांति, समृद्धि और आरोग्य का स्वागत करेंगे. इस कलश अनुष्ठान के लिये प्रयोग किया जाने वाला कलश भी अपने आप में खास है.
छह लीटर का पीतल का अष्टलक्ष्मी युक्त व पीतल के नारियल एवं पान युक्त यह वृहद कलश बहुत ही पवित्र है. इस कलश अनुष्ठान में प्रयोग की जाने वाली सामग्री दुर्लभ है. इस में भारत के १०६ वैष्णव मंदिरों का माँ लक्ष्मी के चरण में पूजित कुमकुम का समावेश है. मूंगा, पन्ना, मोती, नीलम, आदि नवरत्नों का सामावेश है, विभिन्न रोग निवारक एवं समृद्धिदायक ३२ प्रकार के हीलिंग जेम स्टोन का इस में उपयोग किया गया है, ९९.९९% शुद्ध चांदी का सिक्का, केसर, इलायची, कस्तूरी, कमलगट्टा, पीला व सफेद चंदन, देवदारु, अगर-तगर, आम की बेल की लकड़ी, बेलपत्र, जायफल आदि महत्वपूर्ण, पवित्र और विशेष ३७० से अधिक दिव्य वस्तुएँ, ३२ उपरत्न, १० लाख आहुतियों से सिद्ध यज्ञ भस्म, लक्ष्मी मंत्रों से अभिमंत्रित कुमकुम एवं अन्य पवित्र सामग्री का समावेश किया गया है.
क्या है इस कलश का महत्व :
इस अभिमंत्रित कलश के माध्यम से घर में पवित्रता बनी रहेगी, साथ ही परिवार बीमारियों से दूर रहेगा. इस कलश में पड़ने वाली सभी अलौकिक वस्तुएं कलश पाने वाले के जीवन में हर प्रकार का सुख समृद्धि, सुरक्षा, सौभाग्य और आरोग्य लेकर आएंगी. आज की परिस्थिति में हमें जीवन को सुखी बनाने के लिये इन्हीं की तो आवश्यकता है. इस कलश में महायज्ञ की अलौकिक शक्ति और ऊर्जा का समावेश होगा.
इस अति दुर्लभ कलश को प्राप्त करने हेतु निम्न संपर्क सूत्र पर संपर्क करें: +91 8877988779, 8770128437
इस कलश अनुष्ठान करने के लिये एक बहुत बड़े महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है . इस महायज्ञ से वातावरण शुद्ध एवं पवित्र होगा, वातावरण में फैले कीटाणु, बीमारियां नष्ट होंगी, मानव जाति को शांति और समृद्धि का मार्ग मिलेगा, देश परआए इस संकट से देश की सुरक्षा होगी. मानवजाति के कल्याण के लिये, देश की सुरक्षा के लिये किया गया यह एक अलौकिक महायज्ञ, अलौकिक कलश अनुष्ठान होगा.